पीए के रूप में सर्वाधिक अनुभवी देवेंद्र पाराशर का निगम मुख्यालय से ट्रांसफर transafar Aajtak24 News

 

सबके प्रति सहयोगात्मक रवैया भी पाराशर की विशेष पहचान


इंदौर - नगर निगम मुख्यालय में सबका सहयोग करने वाले अपर आयुक्त के निज सहायक (पीए) रहे देवेंद्र पाराशर अब हैड  आफिस में नहीं दिखाई देंगे। सबके प्रति सहयोगात्मक रवैया रखने वाले देवेंद्र पाराशर का ट्रांसफर अब नगर निगम के झोन 16 पर कर दिया गया है। अपने सहयोगात्मक रवैया के कारण देवेंद्र पाराशर की एक अलग ही पहचान रही है। इसी कारण पाराशर को अमूमन हर निगम कर्मचारी पहचानता है। पाराशर ने अपने सेवाकाल में अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह, संदीप सोनी, रजनीश कसेरा, वीरभद्र शर्मा, ऋषभ गुप्ता, सिद्धार्थ जैन के निजी सहायक के रूप में कार्य किया। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान देवेंद्र पाराशर के खिलाफ किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं हुई। छोटे से कार्यकाल में भी इतने अधिक अधिकारियों के निज सहायक के रूप में कार्य करने के बाद भी पाराशर की छवि बेदाग है। यह भी कहा जा सकता है कि पाराशर वर्तमान में सर्वाधिक अनुभवी निज सहायक रहे। 

ड्रेनेज घोटाले की जांच कर रहे अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने भी पाराशर पर विश्वास जताया और रात-रात बैठकर जांच रिपोर्ट तैयार करवाई। जांच टीम को एक साथ बैठना हो या बयान के लिए लोगों बुलाना हो ये सब बहुत ही गोपनीयता रखकर किए गए, जिसकी प्रशंसा स्वयं आयुक्त ने भी की। एक सबसे बड़ी खासियत यह कि अन्य सभी अपर आयुक्त के पीए कंप्यूटर ऑपरेटर है जबकि पराशर एकमात्र पा रहे जो स्टेनोग्राफर हैं। निगम के कई अपर आयुक्त के निज सहायक देवेंद्र पाराशर ने निगम को कई अवार्ड दिलवाने में अथक मेहनत की है। जहां तक पूर्व अपर आयुक्त संदीप सोनी, ऋषभ गुप्ता और अन्य की बात की जाए तो इनका अधिकतम समय स्मार्ट सिटी कंपनी और एआईसीटीएसएल के ऑफिस में ही बीतता रहा है। इसके बाद भी निगम की फाइलें और कार्यों के लिए चिमनबाग स्थित निगम मुख्यालय से फाइलें और अन्य दस्तावेज लेकर देवेंद्र पाराशर ही इन दफ्तर में जाते रहे। इसके पीछे पाराशर की मंशा सिर्फ इतनी रहती कि निगम के सभी कार्य समय पर हो जाएं, साथ ही उनकी ड्यूटी भी होती रहे। सूत्र बताते हैं कि देवेंद्र पाराशर को कुछ लोगों ने दुर्भावनावश ट्रांसफर करवाया है।

कई अवार्ड प्राप्त करने में भी रहा सहयोग

निगम के जानकारों का कहना है कि कई अवार्ड प्राप्त करने में निगम के उच्च अधिकारियों का सहयोग भी पाराशर ने भरपूर किया। पाराशर अपने निजी वाहन से निजी खर्चे पर दस्तावेज और फाइलें लेकर स्मार्ट सिटी और अन्य ऑफिस में उच्च अधिकारियों के पास जाते रहे हैं। ताकि निगम का कार्य समय पर हो सके। पाराशर उच्च शिक्षित होने के साथ ही कंप्यूटर टाइपिंग आदि के भी अच्छे जानकार हैं।

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