रेल दुर्घटना की यादें, अहमदाबाद एक्सप्रेस हसदेव नदी के पुल पर गिरी थी, इसमें 81 लोग काल कवलित तथा सैकड़ों लोग घायल हो गए gaye Aajtak24 News

 

रेल दुर्घटना की यादें, अहमदाबाद एक्सप्रेस हसदेव नदी के पुल पर गिरी थी, इसमें 81 लोग काल कवलित तथा सैकड़ों लोग घायल हो गए gaye Aajtak24 News 

चांपा - सितंबर माह में अधिकतर प्राकृतिक तथा अप्रिय घटना होने के कारण चांपा नगर के लोग आज़ भी माह को अप्रिय ही मानते हैं । साल 1969 में वर्षा ना होने के कारण क्षेत्र के लोग अकाल की चपेट में आ गए थे। 99 एकड़ का विशाल राम बांधा तलाब सूख गया था। वर्ष 1972 में लोग बाढ़ की चपेट में आये थे। वर्ष 1983 में लोगों को पानी के लिए गोलीबारी का शिकार होना पड़ा था। 24 सितम्बर ,1997 को प्रशासन द्वारा चलाई गई गोली से राज किरण दुगड़ की मौत तथा अनेक लोग घायल हो गए थे । वर्ष 2003 में रामबांधा  तालाब का तटबंध टूट गया था। वर्ष 2001 में गणेश उत्सव के दौरान शहर में आंत्रशोथ फैल गया था और इसकी चपेट में अनेक लोग आ गए थे। इसी तरह आज से 27 वर्ष पहले  यानी कि 14 सितंबर 1997 को हसदेव हावंड़ा जाने वाली ट्रेन हसदेव पुल पर दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी। रेलवे पुल, चांपा में अहमदाबाद एक्सप्रेस- हावड़ा ( डाउन नंबर -80 33) दुर्घटना ग्रस्त होकर हसदेव सरिता पुल के ऊपर पटरी से उतरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस जबरदस्त दुर्घटना में टैन की पांच बोगियां पुल से नीचे गिर गई थी , जिसमें सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए थे। सैकड़ों घायलों को तुरंत सरस्वती शिशु मंदिर , लायंस स्कूल, बीडीएम चिकित्सालय,चांपा में त्वरित उपचार के लिए भर्ती किया गया था । लायंस क्लब, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ,चांपा सेवा संस्थान , अक्षर साहित्य परिषद, स्वर्णकार समाज, देवांगन समाज, अग्रवाल समाज, प्रगतिशील स्वर्ण एवं रजत समिति के अतिरिक्त अन्य संगठनों ने तन-मन-धन से दुर्घटनाग्रस्त लोगों की सहायता और घर-घर से भोजन की व्यवस्था की गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 87 लोग मारें गये थे , लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आंकड़े कुछ अधिक था।

कौंधती हैं आज़ से 27 वर्ष पहले की घटनाएं।

नगर के साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि चौदह सितंबर की 27 वर्ष पहले की वह दर्दनाक हादसा , लोगों की चीख-पुकार और हसदेव सरिता के पुल के ऊपर लटकती हुई दो बोगियां उसमें सवार लोगों की चीख-पुकार और रुदन से हर कोई हस्तप्रभ थे। हमारे अक्षर साहित्य परिषद चांपा के साथियों ने लोगों को बाहर निकाला और उन्हें आवश्यक उपचार के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचानें में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

घायलों को रेल दुर्घटना स्थल और बीडीएम अस्पताल में चांपा के नागरिकों ने सेवा की।

स्थल पर मौजूद अन्यान्न्य लोगों का कहना था कि दुर्घटनाग्रस्त अहमदाबाद एक्सप्रेस में लगभग-लगभग 400 लोग मारे गए होंगें । चांपा वासियों ने तन -मन -धन से सेवाएं की  इतना ही  नहीं बल्कि उनकी आत्मा की शान्ति के लिए अनुष्ठान कार्य भी किए जा चुके हैं ।

इस दुर्घटना के चश्मदीद गवाह आज़ भी दृश्य को देखकर सहम जाते हैं।

इस घटना के चश्मदीद गवाह पंडित दयाशंकर पांडेय , राजेश्वर मिश्रा  तथा राधेश्याम आज भी रेलवे स्टेशन चांपा के आसपास  फलों का व्यवसाय करते हैं। वे उसी दिन उसी एक्सप्रेस ट्रेन से बिलासपुर से चांपा आ रहें थे। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद एक्सप्रेस ट्रेन के हसदेव नदी पर पहुंचते ही जोर की आवाज़ हुई और सीने में जो की चोट लगी और मैं बेहोश हो गया। जब मैं होशो-हवास में आया तब बिसाहू दास महंत अस्पताल के बेड में अपने आप को पाकर भयभीत हो गया। उन्होंने कहा कि उस खौफनाक मंजर का याद आते ही तन बदन सीहर उठता हैं।

एकजुटता और भाईचारे को देखकर जो सेवा की गई वह वह अनुठा उदाहरण हैं: श्रीमति शशिप्रभा सोनी।

तत्कालिक वार्ड पार्षद और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमति शशिप्रभा सोनी ने बताया कि नगर की महिलाएं दुर्घटनाग्रस्त लोगों की सहानुभूति और सहायता के लिए रात-भर सेवा कार्यों में जुटी रही । आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए पंडित रामगोपाल गौरहा  ने बताया कि उस समय स्वयं बिना मान-सम्मान किए नगरवासियों और शहरों-कस्बों के लोगों  ने एकजुटता और भाईचारे को ध्यान में रखते हुए जो सेवा भावना का परिचय दिया हैं वह सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे का एक उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। 

प्रधान पाठक सर्वेश कुमार सोनी  ने अपनी यादें साझा किया।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिझरा कोरबा में प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ तथा चांपा निवासी सर्वेश कुमार सोनी ने कहा कि चौदह सितंबर की उस खौफनाक मंज़र की याद आते ही सिहर उठता  हैं उन्होंने  पीड़ितों की सेवा-सुश्रुवा और मृत्यु पश्चात् मृतात्मा की शान्ति के लिए चांपा वासियों के व्दारा किए गए अनुष्ठान कार्यों की सराहना किया।

दुर्घटना के बाद से आज़ भी प्रसिद्ध गणेशोत्सव की रौनक फिकी ही हैं।

चांपा नगर का गणेशोत्सव छत्तीसगढ़ अंचल में सुप्रसिद्ध हैं। इस घटना के कई वर्षों बीत जाने के बाद भी चांपा में गणेशोत्सव अत्यंत सादगी पूर्वक मनाया जाता हैं। अधिकतर लोगों से पूछताछ करने पर लोग इस खौफ़नाक मंज़र का दृश्य बताने में हिचकते हैं और उनका दिल को दहल जाता हैं।

प्रेस क्लब चांपा ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

आज़ से ठीक 27 साल पहले पहले घटित रेल दुर्घटना में मारे गए 87 लोगों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित किया । अध्यक्ष  कुलवंत सिंह सलूजा , सचिव डॉ मूलचंद गुप्ता,  कोषाध्यक्ष विक्रम तिवारी, उपाध्यक्ष गौरव गुप्ता, संतोष देवांगन, शैलेष शर्मा, विवेक शर्मा, सीताराम नायक, नर्मदा घोंसले,भीम देवांगन, बलराम पटेल,अनिल मोदी, एव  रामखिलावन यादव  शनि कुमार लहरे, स्वर्णकार समाज के प्रतिनिधि शशिभूषण सोनी , डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी ने हादसे में मृतात्माओं को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post