कब्जे अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में बंटवारा करने के लिए 10 हजार रिश्वत लेते पटवारी रंगेहाथ धराया dharaya Aajtak24 News |
इंदौर - खेती की जमीन का कब्जे के अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में बंटवारा करने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पटवारी अनिल पिता कैलाशचंद सिसोदिया को रंगेहाथों पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि पटवारी सिसोदिया देपालपुर तहसील के ग्राम फूलन में बहन का नाम कम कर कब्जे के अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में बंटवारा करने के लिए 1 लाख की रिश्वत मांगी, जिसकी पहली किस्त के रूप में आज 10 हजार रुपए दिए जा रहे थे। तभी लोकायुक्त इंदौर की टीम ने रंगेहाथों पकड़ लिया। जानकारी अनुसार तहसील देपालपुर इंदौर की ग्राम फूलन निवासी सुभाष चंद्र पिता बसंती लाल शर्मा और उनकी बहन तेजूबाई ने लोकायुक्त में आवेदन दिया था कि पटवारी अनिल सिसोदिया सरकारी रिकॉर्ड में कब्जे अनुसार बंटवारा करने के लिए 1 लाख की रिश्वत मांग रहा है। आवेदकों ने बताया कि उनके नाम के राजस्व सर्वे नं. 249, 437/1/1, कुल रकवा 2.505 हेक्टे. कृषि भूमि है। इसमें बहन की सहमति अनुसार उक्त सर्वे नंबर की भूमि से बहन का नाम कम कर कब्जे अनुसार शासकीय रिकॉर्ड में बंटवारा दर्ज करने के एवज में आवेदक से 1 लाख रुपये रिश्वत की मांगी। इस पर बातचीत में 75 हजार रुपये मैं बातचीत पक्की हुई। इसकी पहली किस्त बुधवार को 10 हजार दिए जाना तय हुई। जैसे ही पटवारी अनिल रिश्वत के 10 हजार रुपए ले रहा था, तभी लोकायुक्त डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया, इंस्पेक्टर राजेश ओहरिया, राहुल गजभिए, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, चंद्र मोहन बिष्ट, आशीष नायडू, शेरसिंह ठाकुर, कृष्ण अहिरवार की टीम उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।