शहर की बजबजाती नालियां निगम की सफाई व्यवस्था पर उठा रहीं है सवाल sawal Aajtak24 News


शहर की बजबजाती नालियां निगम की सफाई व्यवस्था पर उठा रहीं है सवाल sawal Aajtak24 News 

रायगढ़ -  शहर के बीचों बीच बड़ी और छोटी नालियों में बरसात के पूर्व ही गंदा पानी जाम हो रहा है विदित हो  गर्मी का मौसम लग चुका है इसके बाद बरसात आयेगी कहने का आशय  यह है कि नगर निगम सफाई व्यवस्था के नाम पर केवल वाहवाही बटोरने में व्यस्त है जबकि सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है शहर की नालियों में पड़े कचरे और उन कचरों से निकलने वाली बदबू लोगों को बीमार कर रही हैं।  इसपर निगम के सफाई अधिकारियों की नजर ही नहीं है। यह कहना कही गलत नही होगा कि नगर निगम द्वारा कराई जा रही सफाई व्यवस्था महज खानापूर्ति और सफाई ठेकेदारों को फायदा पहुंचाना है शहर अंतर्गत कई बड़े नाले है जिसमें अधिक कचरा हो जाने के कारण जाम की स्थिति है। बता दे जाम पड़ी नालियों को ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा तो आने वाले बरसात में यह कई बीमारियों को न्योता देंगी, निगम की साफ सफाई व्यवस्था में लापरवाही की कहानी नई नही है यह साफ तौर पर दिख रहा है कि इस साल भी बरसात में नगर के कई मोहल्ले और मुख्य सड़के डूबेंगी।हल्की बारिश में ही नगर के मुख्य मार्ग सहित कई मोहल्ले पानी से भर जाते हैं नालियां साफ नहीं होने से रायगढ़ में डेंगू जैसी बीमारी को ताकत मिलती है पूर्व में डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर शासन की तरफ से सफाई व्यवस्था के लिए कड़े निर्देश दिए गए थे, उसके बाद भी नगर निगम की सफाई व्यवस्था बिलकुल सुस्त होना समझ से परे है नगर में डेंगू के बढ़ते कारणों में नालियों की गंदगी को भी प्रमुख माना जाता है। लगते बरसात में ही नगर के प्रमुख मार्गों व मोहल्लों में जल भराव हो जाता है हल्की बारिश में नगर की सड़के पानी में जाम हो जाती है,  इसका प्रमुख कारण नालियों का जाम होना ही होता है ऐसे में यह सवाल बड़ा होगा कि नगर निगम बरसात के पहले ही इस मुसीबत से निपटने की तैयारी क्यों नही करती है  हर वर्ष डेंगू के मामले में वृद्धि हो रही जानकारी के लिए बता दें कि पिछले पांच छः वर्षो में डेंगू जांच में मिले मरीज वर्ष  2018-129 डेंगू पेसेंट  2019- 269, 2020-00 (कोरोना में जांच नहीं) 2021-124, 2022-66 2023- 320 सितंबर तक डेंगू मरीज मिले इन आंकड़ों को देखा जाए तो हर वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है यह बेहद चिंता जनक है। 

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