नवनिर्मित मुद्रा स्टील कंपनी की लापरवाही से गई सिक्योरिटी गार्ड की जान jaan Aajtak24 News



नवनिर्मित मुद्रा स्टील कंपनी की लापरवाही से गई सिक्योरिटी गार्ड की जान jaan Aajtak24 News 

पीथमपुर - एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में कंपनियों में हादसा होना आम सी बात हो गई है जिसमें साफ कंपनीयो की लापरवाहीया नजर आती है , इसके बाद भी प्रशासन कोई सख्त कार्यवाही नहीं कर पाता। कुछ कंपनियों में यह नौबत तक आ जाती है कि कंपनियां पुलिस को घटना की बिना जानकारी देते हुए सीधे घायलों को लेकर अस्पताल रवाना हो जाती है। जब घायल अवस्था में कर्मचारियों की मौत होती है तो तब कहीं जाकर पुलिस को मामले का पता लग पाता है ,यही नहीं जब कंपनी पर किसी प्रकार की कार्यवाही होने की नौबत आती है तब वह परिजनों को कुछ ले दे करके मामले को रफा दफा करने में लग जाते है। ऐसे में प्रशासन इन कंपनियों पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं कर पाती है जिसका खामियाजा मजदूरों को अपनी जान गंवाकर देना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला सेक्टर नंबर 3 की मुद्रा स्टील कंपनी का आया है। आईए जानते हैं

क्या है पूरा मामला

पीथमपुर सेक्टर-3 थाने में 30 मार्च  शनिवार को निर्माणाधीन सरिया बनाने वाली मुद्रा स्टील कंपनी में काम करने वाले सुरक्षाकर्मी की मौत पर स्वजनों ने घेराव कर दिया। शुक्रवार को मुद्रा स्टील कंपनी में काम करने वाले सुरक्षाकर्मी योगेंद्र प्रताप सिंह पुत्र हरदेव सिंह राजपूत (37) को कंपनी प्रबंधन घायल अवस्था में ईएसआईसी अस्पताल इंदौर लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने उसकी जांच कर उसे मृत घोषित कर पीथमपुर रवाना कर दिया। सुरक्षाकर्मी योगेंद्र सिंह की मौत संदिग्ध अवस्था में हुई। पुलिस शनिवार को शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप रही थी तभी स्वजनों ने शव को थाने में रखकर घेराव कर दिया। स्वजनों का कहना है कि योगेंद्र के सिर पर गंभीर चोट आई थी ।


सेक्टर-3 थाना परिसर पर में मौजूद मृतक मृतक योगेंद्र के परिवार में एकमात्र कमाई करने वाला वही था। उसका परिवार इंडोरामा चौराहे पर किराए के मकान में रहता है। उसके एक बेटा और दो बेटियां है। पुलिस और स्वजनों के बीच काफी बहस हुई। स्वजनों ने पुलिस से मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही इसकी न्यायिक जांच करते हुए ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन योगेंद्र को अस्पताल लेकर गए पर वहां पर पता चला कि उसकी मृत्यु हो गई तो सभी भाग गए। इसके बाद पुलिस द्वारा कंपनी के जनरल मैनेजर अभिषेक व्यास को भी थाने पर बुलाया गया। इसके बाद रविवार को सुबह से ही मृतक के परिजनों ने शव को कंपनी परिसर में रखकर काफी देर तक मुआवजे की मांग की जिसमें क्षेत्रीय नेताओं ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की, कड़ी धूप में बड़ी तादात में महिला एवं पुरुष कंपनी परिसर में बैठे रहे। 3 घंटे की मशक्कत के बाद 600000 मुआवजा स्वजनों को दिया गया और मृतक योगेंद्र सिंह के बालक को नौकरी देने का वादा किया गया। पुलिस ने नियमानुसार जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। 3 बजे के बाद स्वजन सुरक्षाकर्मी का शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे।  इस मामले में हेल्थ एंड सेफ्टी अधिकारी राजेश यादव का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है। हम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं।







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