शिला पूजन से राम मंदिर निर्माण तक की यात्रा - बृजेंद्र कुमार पंत pant Aaj Tak 24 news |
अनूपपुर - 6 दिसंबर 1992 आपको गिरफ्तार किया जाता है थाना प्रभारी अनूपपुर ने ने मुझे व मेरे मित्र प्रेमनाथ पटेल से कहते हुए अपने साथ चलने को कहा दोपहर लगभग 3:00 बजे हमारे साथ भारतीय जनता पार्टी के पित्र पुरुष स्मृति शेष ओमप्रकाश द्विवेदी बजरंग दल के अध्यक्ष स्मृति शेष रामनिवास मिश्रा एवं गिरीश दास सोनी को भी गिरफ्तार किया गया। रात्रि 9:00 बजे हम लोगों को मुचलका में रिहा किया, गया बाद में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 107, 116 सीआरपीसी के तहत हम लोगों को पाबंद किया गया था। उस समय मै विश्व हिंदू परिषद में व प्रेमनाथ पटेल भाजपा में अध्यक्ष थे राम मंदिर के शिला पूजन से लेकर कर सेवकों पर तत्कालीन उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा की गई बर्बरता पर पूज्य कोठारी बंधुओं के अस्थि कलश यात्रा मे सहभागी होने का सौभाग्य हम लोगों को प्राप्त हुआ है वह एक दौर था जब कुछ गिने चुने कार्यकर्ता इस अभियान के अंग थे तत्कालीन सत्ता का इतना खौफ था कि लोग अपने घरों के लोगों को हमारे साथ रहने से मना करते थे संघ निष्ट कार्यकर्ताओं के आगमन पर जहां हमारे अंदर राष्ट्र प्रेम की भावना का ज्वालामुखी फूटता था वहीं कई लोग हमें अच्छी निगाह से न देखकर हमसे उलाहना भरी बातें किया करते थे। बहन साध्वी श्रद्धेय उमा भारती जी का स्टेट बैंक चौक पर संपन्न हुआ कार्यक्रम जनता के अंदर जन चेतना का संचार इतनी प्रबलता से किया कि लोगों के मन में इस दिशा में एक नई आशा और ज्योति दिखाई देने लगी अनूपपुर की इस पवित्र धरती पर उस समय संघ और संगठन से जुड़े अविस्मरणीय श्रद्धेय लालचंद थवानी ,घनश्याम दास गुप्ता ,नर्मदा प्रसाद अग्रवाल ,मूलचंद अग्रवाल, हेमंत पंत, हरिप्रसाद बियानी , लालबहादुर सिंह ,रामनारायण भारती थे जिनके सानिध्य में हम लोगों ने काम भी किया है उन दिनों भाजपा विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल में कोई भी व्यक्ति सरलता से पद देने के बावजूद भी पद लेने को तैयार नहीं होता था उसे तत्कालीन सत्ता का और उसके परिवार को सत्ता से असुरक्षा का भय रहता था यदि हम किसी घर के सदस्य को कोई पदाधिकारी बना देते तो दूसरे ही दिन उस घर के दरवाजे पर हमें जवाब मिलता कि वह अब आप लोगों के साथ नहीं जाएगा। बहुत ही संघर्ष का समय था कार सेवकों पर बनाई गई डीवीडी को हम लोग गांव में व नगर पालिका अनूपपुर में दिखाने जाते थे गांव की स्थिति यह थी कि लोग इस डीवीडी फिल्म को देखने आने से डरते थे। कहते हैं राम नाम सत्य है आखिर कब तक तत्कालीन सत्ता का दमन राम नाम की सत्यता को रोक सकता था, जनता के मन व कण-कण में व्याप्त राम ने आमजन को आंदोलित किया, और जनमानस ने अपने आराध्य राम को पाने के लिए आम गलियों से माननीय सर्वोच्च न्यायालय तक अपने पक्ष को रखकर यह साबित कर दिया की राम के इस संसार में राम ही अंतिम सत्य है। आज प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर निर्माण व उनके गर्भ ग्रह में स्थापना का समय आ गया है पूरे विश्व में अपने आराध्य राम के लिए आस्था का सागर सभी सीमाओं को लॉघ कर उनके दर्शन को लालाइत है।। आज हर घर राम का व हर जीवन राम के लिए समर्पित है। आज जनमानस में राम को लेकर सत्ता का कोई भय नहीं है भारतीय जनता पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता जिस राम मंदिर के निर्माण के संकल्प को लेकर राम राज्य की कल्पना पर आगे बढ़ा था वह संकल्प आज पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। राम केवल एक धर्म व एक पक्ष नहीं है बल्कि राम सकल विश्व है यह संसार ही राम में है तो फिर संसार की कोई वस्तु या संसार का कोई प्राणी राम से बाहर कैसे हो सकता है राम ब्रह्मांड है राम समूचा संसार है राम राम है और हर प्राणी में राम व राम में हर प्राणी समाहित है।। आईए हम सब संसार के समस्त बंधनों से मुक्त होकर केवल राम के बंधन में बंध कर संपूर्ण विश्व को वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा से प्रकाशित करें, और रामराज्य की स्थापना के गौरानान्वित साक्षी बने।।