अपने मठ में रुक्मिणी देवी होंगी विराजमान,लिखा जायेगा नया इतिहास etihas Aaj Tak 24 news

 

 

अपने मठ में रुक्मिणी देवी होंगी विराजमान,लिखा जायेगा नया इतिहास etihas Aaj Tak 24 news 

दमोह - एक नया इतिहास लिखने जा रहा है 22 सितम्बर 2023 को जब माता रूकमणी देवी की अति प्राचीन पाषाण प्रतिमा वहीं विराजमान होंगी जहां उस मूर्ति को चोरी किया गया था। यह सब होने जा रहा है भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दमोह सांसद एवं भारत सरकार के केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के प्रयास से अगर देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार न होती और दमोह में सांसद प्रहलाद सिंह पटेल न होते तो यह संभव नहीं था एैसा जानकार बतलाते हैं। ज्ञात हो कि मंत्री श्री पटेल ने स्वंय कहा था कि भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का में धन्यवाद ज्ञापित करूंगा जिन्होंने यह कानून बनाया कि जो भी प्राचीन मूर्तियां चोरी गई है इस स्थान पर पुनर्स्थापित होगी जहां से वह चोरी हुई है। अगर देश में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार न होती और मैं दमोह का सांसद नहीं होता तो यह संभव नहीं था कि रुक्मिणी देवी की मूर्ति की पुर्नस्थापना उस मठ में होती जहां से वही चोरी हुई थी। हालांकि में अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि यह पुण्य कार्य करने के लिए ईश्वर ने मुझे निमित्त बनाया यह बात दमोह के सांसद तथा भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कही। मंत्री श्री पटेल 22 सितंबर 2023 को रुक्मिणी देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना रुक्मणी मठ में होने के कार्यक्रम की पूर्व तैयारी के अवसर पर संबोधित कर रही थे। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न सामाजिक धार्मिक संगठनों के प्रमुख लोगों ने आयोजन को भव्य बनाने के लिए सुझाव दिए हैं सहयोग की बात कही है मैं सब के प्रति कृतज्ञता करता हूं। ज्ञात होगी दमोह सांसद निवास पर हजारों की संख्या में सर्व समाज एवं समाजसेवियों की उपस्थिति उक्त आयोजन की सफलता की कहानी स्वयं कह रही थी। मां रुक्मणी देवी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार मां रुक्मणी के हरण का यही स्थान बताया गया है। दमोह जिले के पटेरा विकासखंड के कुंडलपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बररठ में हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इसी स्थान से मां रुक्मणी का हरण कर किया गया था। हरण के दौरान मां रुक्मणी के कानों का कुंडल गिर गया था और क्षेत्र का नाम कुंडल गिरी के नाम से जाना जाने लगा मान्यता है कि वर्तमान में यह वही क्षेत्र है जिसको कुंडलपुर के नाम से जाना जाता है। हजारों वर्ष पूर्व जहां से रूकमणि माता का हरण किया गया था क्षेत्र में एक मठ की स्थापना की गई जिसमें मां रुक्मणी की पाषाण मूर्ति की स्थापना की गई थी। वर्ष 2002 में यह मूर्ति चोरी कर ली गई थी जिसको 24 घंटे के अंदर राजस्थान के हिंडोली जिला से इसको संबंधित विभाग के द्वारा जप्त कर लिया था।

-रुक्मिणी मूर्ति और मंत्री प्रहलाद पटेल का प्रयास

मां रुक्मिणी मूर्ति की चोरी के पश्चात समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और मूर्ति की पुनर्स्थापना की मांग लगातार चल रही थी। भारतीय पुरातत्व विभाग के नियमों की कठिनाई और तत्काल के कानून की अड़चन लगातार इसमें व्यवधान पैदा कर रही थी। दमोह के तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान में दमोह सांसद एवं भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस विषय को लेकर नियम 377 के तहत लोकसभा में यह आवाज प्रबलता एवं प्रामाणिकता के साथ उठाई। महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि भारत सरकार और भारतीय पुरातत्व विभाग ने नियमों में संशोधन करके मूर्ति पुनर्स्थापना की मार्ग को साफ कर दिया। प्रसन्नता की लहर इस बात को लेकर थी कि बरसों की मांग पूरी होने जा रही थी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की विशेष प्रयास से, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के ग्यारसपुर संग्रहालय में रखी यह प्रतिमा दमोह वापस लाकर रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय में सुरक्षा के इंतजाम के साथ रख दी गई। इसी बीच लगातार सामाजिक संगठनों के द्वारा रुक्मणी मठ में मूर्ति की स्थापना को लेकर ज्ञापनों के साथ मांग हो रही थी। जिसको लेकर मंत्री पटेल ने लगातार समस्या के समाधान के लिए प्रयास करना प्रारंभ किये। ज्ञात हो कि प्राचीन प्रतिमा के संरक्षण और संवर्धन के साथ सुरक्षा भी अति आवश्यक होती है जिसको लेकर रुक्मणी मठ में उक्त व्यवस्था नहीं थी। मंत्री श्री पटेल के द्वारा उक्त सारी व्यवस्थाओं को समय सीमा में पूरा करने के लिए जहां निर्देश दिए गए वहीं स्वयं उन्होंने इसकी निगरानी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार रुक्मणी मठ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं यहां अब सुरक्षा कर्मी सशस्त्र बल इसके लिए तैनात रहेगा। आने वाली 22 सितंबर को एक भव्य आयोजन के साथ मां रुक्मिणी देवी की मूर्ति की स्थापना रुक्मणी मठ में की जाएगी जिसको लेकर लगातार तैयारी यह चल रही है। दमोह नगर के दमंयती संग्रहालय से प्रातः08 बजे माता रूकमणी देवी की प्रतिमा एक भव्य सुज्जित रथ पर सवार होकर भव्य शोभायात्रा रवाना होगी। जो घंटाघर बकौली तिराहा,टाकीज तिराहा,पुराना थाना,चमन तिराहा,बडापुरा,धरमपुरा,समन्ना,तिराहा,ग्रामआनु,बांदकपुर,हिन्डोरिया होते हुये पटेरा पहंुचेगी फिर वहां से कुंडलपुर रूकमणी मठ अंबा मठ पहंुचेगी।

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