कमिश्नर की रिपोर्ट के बावजूद फजीवाड़े में शामिल लोगों पर दर्ज नहीं कराई गई एफ आइ आर FIR Aaj Tak 24 news |
भिंड - जिले के गोहद क्षेत्र में बीते वर्ष ओलावृष्टि क्षतिपूर्ति में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। खास बात यह है कि लहार विधायक नेता प्रतिपक्ष डा़ गोविंद सिंह ने इस घोटाले को लेकर विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया था। इसके बाद प्रमुख सचिव के निर्देश पर चंबल कमिश्नर दीपक सिंह ने जांच की। जांच में भी पटवारी, आरआइ को दोषी पाया गया। साथ ही माना गया कि किसानों के हक की राशि रसूखदारों और उनके परिवार के लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। कमिश्नर की रिपोर्ट के बावजूद फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर एफआइआर नहीं की गई है। गोहद के एंडोरी ग्राम पंचायत में रते का पुरा निवासी रामलखन सिंह कंसाना पुत्र आशाराम सिंह कंसाना ने कमिश्नर से की शिकायत कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। श्री कंसाना ने अपने शिकायती पत्र में बताया है कि नेता प्रतिपक्ष लहार विधायक डा गोविंद सिंह के विधानसभा ध्यानाकर्षण सूचना 12 मार्च 2022 से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। मामला गर्माया तो प्रमुख सचिव के निर्देश पर ग्वालियर-चंबल कमिश्नर दीपक सिंह ने 16 दिसंबर 2022 को जांच पूरी कर रिपोर्ट भोपाल भेजी है। कमिश्नर की रिपोर्ट में भी माना गया है कि किसानों के हक की राशि दूसरे लोगों के खाते में ट्रांसफर की गई है। श्री कंसाना ने कमिश्नर से शिकायत कर किसानों के खाते में जाने वाली ओला वृष्टि की सहायता राशि का भुगतान अवैध तरीके से अपने अकाउंट में लेने वाले केशव देसाई पुत्र रामभरोसे देसाई और उनके बेटे पर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में बताया गया है कि केशव देसाई के नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक इंदौर के खातों में अवैध रूप से भुगतान किया गया है। इसके साथ ही इनके बेटे राहुल देसाई के खातों में भी ओला वृष्टि सहायता राशि का भुगतान अवैध रूप से किया गया है। यह खाते सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया मालनपुर और बैंक ऑफ बडोदा खेड़ापति कॉलोनी ग्वालियर में हैं। शिकायत में कहा गया है कि इससे गोहद क्षेत्र के किसानों में नाराजगी है। अधिकारियों कि मिलीभगत से किसानों के हिस्से की राशि निजी खातों में ली गई है। ऐसे लोगों पर एफआइआर कराई जाए।
करोड़ों रुपये का है पूरा क्षतिपूर्ति घोटाला
कमिश्नर की जांच में ही साफ हो गया है कि पूरा घोटाला करोड़ों रुपये का है। गोहद के पड़राई, सर्वा, तुकेड़ा, ग्राम विलोनी, खड़ेर, बघराई, छरेंटा, ऐनो सहित अन्य गांवों में किसानों के बजाए रसूखदारों के बैंक खातों में ओलावृष्टि क्षतिपूर्ति की राशि ट्रांसफर कर दी गई। इनमें कई तो रसूखदार हैं। वहीं कई पटवारी और आरआइ के रिश्तेदार हैं। इनके अकाउंट में पटवारी, आरआइ, नेताओं और रसूखदारों की मिलीभगत से इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है।
कार्रवाई नहीं तो घेराव कर प्रदर्शन करेंगे किसान:
कमिश्नर से शिकायत करने वाले रामलखन सिंह कंसाना का कहना है कि उनके और कई किसानों के हक की करोड़ों रुपये की राशि का भुगतान फर्जीवाड़ा कर रसूखदारों के अकाउंट में किया गया है। कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में भी यह फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है। ऐसे में यदि फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर कार्रवाई कर एफआइआर नहीं कराई गई तो वे और क्षेत्र के किसान प्रदर्शन कर अधिकारियों का घेराव करेंगे।