अमृता हाॅस्पिटल के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन पर संगोष्ठी, नन्ही छांव योजना का हुआ शुभारंभ hua subharmbha Aaj Tak 24 news


अमृता हाॅस्पिटल के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन पर संगोष्ठी, नन्ही छांव योजना का हुआ शुभारंभ hua subharmbha Aaj Tak 24 news

शहडोल - मुख्यालय स्थित एक निजी होटल में अमृता हॉस्पिटल के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को लेकर संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान उक्त अस्पताल संचालक डॉ. विनम्र जैन व डॉ. अनुपमा जैन ने नन्हीं छांव योजना का भी शुभारंभ किया। जिसके तहत अमृता हॉस्पिटल में जन्मे बच्चों और उनके परिजनों को एक-एक पौधे प्रदाय कर अभिभावकों से बच्चों के नाम पौधरोपण करने की अपील की गई। कार्यक्रम में आमंत्रित जिले महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पूजा वस्त्रकर को मंच पर अस्पताल प्रबंधन ने सम्मानित किया। इसके साथ ही उनसे अपील भी किया। कहा- आप जहां भी जाएं पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए लोगों को आवश्यक रूप से जागरूक करें। डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ. राजेश पाण्डेय, डॉ. उमेश नामदेव, सीएमओ नपा अमित तिवारी सहित प्रबुद्ध नागरिक व अस्पताल प्रबंधन के राहुल सोनी समेत पूरा स्टाफ मौजूद रहा। मंच का संचालन कर रही अरुणिमा सिंह का आभार अमृता यूनिट हेड राकेश झा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में कमिश्नर राजीव शर्मा मुख्यातिथि के तौर पर मौजूद रहे। वहीं अध्यक्षता एडीजीपी दिनेश चंद्र सागर ने की। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में एसपी कुमार प्रतीक उपस्थित रहे। मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। चल चित्रों के से इस दिशा में काम करने वाले लोगों व संस्था प्रमुखों ने क्षेत्रीय पर्यावरण की अद्भुतता प्रदर्शित की। "जय हो" संस्था के डॉ. सुनील हथगेल ने बताया कि, हमारे छोटे-छोटे प्रयास ही हमें भविष्य की बड़ी दुर्घटनाओं से बचाते हैं। उन्होंने बताया कि, हमने 4 साल पहले पचगांव रोड स्थित श्मशान घाट पर 100 पौधे लगाए थे। समय समय पर सही देशभाल के बाद आज वह पौधे पेड़ बन कर एक जंगल सा स्वरूप धारण कर चुके हैं। सोहागपुर में वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संरक्षण का कार्य किया। इसी प्रकार अमरकंटक "नर्मदा युवा संघ" के विकास चंदेल ने नर्मदा हमारी धरोहर विषय पर सारगर्भित प्रस्तुति दी। बताया कि, आज के युग में हमारी इस प्राकृतिक धरोहर पर प्रदूषण का खतरा एक बड़े रूप में मंडरा रहा है। जिसका निराकरण हम और आपको ही मिलकर कर सकते हैं। "प्रकृति प्रेरणा संस्था" के  ने लेंटाना जंगली जीवन के संरक्षण को लेकर अपनी प्रस्तुति दी। बताया कि, किस तरह हम जंगली जीवों को बचाकर अपने पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं और उसमें बेहतरीन संपूर्णता बनाए रख सकते हैं। पर्यावरण विद् संजय परासी ने शहडोल संभाग की प्राकृतिक विरासत पर ध्यानाकर्षण कराते हुए उन्हें संरक्षित करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने चलचित्र के माध्यम से शहडोल संभाग के पर्यावरण की दिशा और दशा पर जानकारी दी एवं विलुप्त हो रहे जीवों पर भी चर्चा की। बताया कि, संभागीय क्षेत्रों में जो पर्यावरण हमें अभी प्राकृतिक रूप से प्राप्त है, वैसा पर्यावरण संवर्धन करने में हमें कई हजारों करोड़ खर्च करना पड़ेगा। कमिश्नर कहा कि, इस संभाग के 2 वर्ष के कार्यकाल के दौरान यह पहली ऐसी सभा है, जहां पर मुद्दे पर बात हो रही है। अमृता हॉस्पिटल के पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उनके कार्यों से काफी प्रभावित हूं। उनका यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। कहा, हम सभी को पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता है। यदि, हमने आज पर्यावरण को संरक्षित नहीं किया। तो आने वाले समय में हम केवल अपने हाथ मलते रह जाएंगे और पर्यावरण से संबंधित समस्त प्राकृतिक संपदाएं नष्ट हो जाएगीं। हमें बेहतर कल चाहिए, तो आज हमें पर्यावरण को संरक्षित करना पड़ेगा। अपने 35 वर्ष के कार्यकाल में, मैं जहां-जहां भी रहा हूं। वहां मैंने हमेशा यही प्रयास किया है कि, ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण को बचा सकूं। हम वर्तमान में ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां चैन से मरना भी दुश्वार है। चंद पंक्तियों को आज के परिवेश में समाहित करते हुए कहा, "न जाने अब समाज में कौन सा सर्वनाश बाकी है। और,,,कितना विकास बाकी है।" एडीजीपी ने कहा, अमृता हॉस्पिटल को पर्यावरण का प्रदेश में बेस्ट अवार्ड प्राप्त हुआ। मेरा यह मानना है कि, यह अवार्ड उनकी सच्ची लगन एवं मेहनत का परिणाम है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर समाज को केंद्रित करने का जो काम इस संस्था ने किया है, वह गर्व की बात है। इससे आदिवासी अंचल के रहवासियों को भी बेहतर संदेश दिया है। प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण एवं उसके संवर्धन के लिए हमें हर सार्थक प्रयास करने चाहिए। पर्यावरण संरक्षित करने का काम प्रशासन या सरकार नहीं कर सकती। बल्कि, हम ही जागरूक होकर इसे सफल बना सकते हैं। एसपी ने कहा, हमें समय रहते जागरूक हो जाना चाहिए और अपनी वन संपदा व प्राकृतिक संपदाओं के संवर्धन और संरक्षण प्रारंभ कर देना चाहिए। हाल ही में हुए एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया, प्रधानमंत्री का आगमन जिले में होने जा रहा है, जिसे लेकर हम सभी अधिकारीगण कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने पहुंचे। जहां सुरक्षा के दृष्टि से मौके पर स्थित कुछ पेड़-पौधों को काटने की बात आई। ऐसे में कमिश्नर ने यह सख्त निर्देश दिया कि, एक भी पेड़-पौधों चाहे छोटे हों या बड़े, उस जगह से कटना नहीं चाहिए। इससे यह समझना चाहिए कि, प्रकृति और हमारा भौगोलिक वातावरण वृक्षों के वजह से ही बचा हुआ है। 




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