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भाषा और संस्कृति का संवर्धन करती है माॅ - कमिश्नर commissioner Aaj Tak 24 News |
शहडोल - शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने कहा है कि सिंधी भाषा भाषणों से नही बचेगी और न ही भाषा अकादमियों से बचेगी। उन्होंने कहा है कि भाषा माॅ बचाती, माॅ स्थानीय बोली में बच्चों से बात कर उन्हें अपने संस्कार सिखाती है, इस तरह माॅ भाषा, संस्कृति और संस्कार अपने बच्चों तक पहुंचाकर उनके संस्कृति का संवर्धन करती है। कमिश्नर ने कहा है कि हमें बचपन से अपनी सिंधी, गोंडी, बुंदेलखंडी, बघेली बोलियों का उपयोग आत्मविश्वास और गर्व से करना चाहिए। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने गुरूवार को सिंधी साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश परिषद द्वारा आयोजित सिंधी साहित्य अकादमी मस्तिआ जी पाठशाला को सम्बोधित कर रहे थें। कमिश्नर ने कहा कि हम सांस्कृतिक प्रलय की ओर बढ़ रहे है, सांस्कृतिक प्रलय के शिकार है हमारे पुरखे जो व्यंजनो का रस लेते थे, कपड़े पहनते थें, जो गीत गाते थें उन्हें षड्यंत्र पूर्वक छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक प्रलय को रोकने का काम हमारे घरों से होगा। कमिश्नर ने कहा कि हम उन महान तपस्यिों एवं मुनियों की संताने है जिन्होंने हर क्षेत्र में उत्कृष्टता के मापदंड स्थापित किये, हमारी युवा पीढ़ी में अखंड भारत का बीज बोना चाहिए, अखंड भारत हर भारतीय का सपना होना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि विभाजन की सबसे बडी कीमत सिंधी समाज से चुकाई है सिंध की नदियां वहां के फल सिंधु घाटी की सभ्यता, सिंधी समाज के लोगो को आज भी याद होगी। कमिश्नर ने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता एक महान सभ्यता थी। वहां के लोंगो ने हजारों साल पहले वाशवेशिन, सिवर सिस्टम, स्नानागारों सावर सिस्टम का उपयोग हजारों वर्ष पहले किया, दुनिया में सबसे पहले सीवर लाइन का उपयोग सिंधु घाटी के लोंगो ने किया। धौलाबीरा में 5 हजार साल पुराना फिल्टर प्लांट आज भी बढ़िया काम कर रहा है, दुनिया का पहला विज्ञापन पटल सिंधु घाटी की सभ्यता में मौजूद था। समारोह को झूलेलाल सेवा मंडल के अध्यक्ष श्री चंदन बहरानी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर सिंधी समाज के नागरिकों द्वारा कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा का सम्मान भी किया गया। समारोह में डाॅ. थारवानी एवं सिंधी समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।