मेडिकल कॉलेज में कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं अपनी चरम सीमा पर sima par Aaj Tak 24 News



मेडिकल कॉलेज में कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं अपनी चरम सीमा पर sima par Aaj Tak 24 News 

शहडोल - शहडोल स्थित  मेडिकल कॉलेज में कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं अपनी चरम सीमा पर संभवत यही कारण है कि मेडिकल कॉलेज में प्रशासक की नियुक्ति का विरोध करना। सुरक्षा गार्ड से लेकर, कनिष्ठ कर्मचारी भी भ्रष्टाचार कमीशन खोरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। यदि मेडिकल कॉलेजो में प्रशासक नियुक्त हो जाता तो उनपर बहुत सी बंदिशे हो जाती जिसके कारण प्रशासक  की नियुक्ति का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं, मेडिकल कॉलेज शहडोल मे जिस तरह से पैसों की होली खेली जा रही, मरीजों का सही उपचार न करना, मरीजों व परिजनों को अस्पताल के डॉक्टर या प्रबंधन से बीमारी अथवा अनिमित्तओ की शिकायत करना हो तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी के रूप मे नहीं है  और न ही अधीक्षक उपलब्ध रहते है और वहां कोई सीधे मुँह बात भी नहीं करता। यदि शासन की ओर से नियुक्त प्रशासक होता तो अधिष्ठाता, प्रोफेसर डॉक्टर, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ,  पैरामेडिकल स्टाफ और वहां पर उपस्थित सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के ऊपर जवाब देही तय होती । इसलिए आंदोलन पर आंदोलन किया जा रहा है कि प्रशासक की नियुक्ति ना हो। शहडोल संभाग के मुख्यालय मैं स्थित मेडिकल कॉलेज शहडोल मैं मानवता को तार तार करने वाला मामला सामने आया और पूर्व मे भी कई मामले आये आज़ तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । शहडोल रोटरी क्लब द्वारा nसंचालित निशुल्क शव वाहन जिसकी चेयर पर्सन कलेक्टर शहडोल होते हैं, जोकि विगत 2020 से जिले मे निशुल्क अपनी सेवाएं दे रहे हैं उक्त शव वाहन को समाजसेवी शेखर दंड द्वारा संचालन किया जा रहा था और उसे ओपीडी के गेट में बिना कारण के रोका गया लगभग संध्या 05:30 बजे, वहीं बगल में एक्सयूवी 500 दिल्ली की गाड़ी खड़ी थी जिस पर एनसीसीएन डॉग (कुत्ता) विराजमान थे, परंतु उसे मना नहीं किया गया और ना ही उसे हटाया गया। मात्र रोटरी क्लब की निशुल्क शव वाहन को क्यों निशाना बनाया गया । सुरक्षा कर्मी द्वारा बत्तमीजी भी की गई और कहा गया कि गाड़ी तत्काल यहां से बाहर ले जाएं अन्यथा आप के विरुद्ध कार्यवाही करवाऊंगा । ज्ञात हो की पूर्व मे भी ऐसी घटना घट चुकी थी, जिसके तरतम्य मे आज समाजसेवी शेखर ठंड के साथ हमारे जिला प्रतिनिधि पड़ताल करने आए थे की मेडिकल कॉलेज शहडोल में ऐसा क्यों होता है। वास्तव में घटना सत्य पाया गया, अगर ऐसी ही स्थिति रही तो कौन समाजसेवी भविष्य में ऐसे डीन डॉ मिलिंद सिरालकर व मेडिकल कॉलेज शहडोल को साथ अपनी सेवा देंगे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शहडोल में कई वर्षों से निशुल्क एंबुलेंस सेवाएं दे रहे है, रोटरी क्लब शहडोल, सत्य साईं सेवा संगटन व अन्य संग़टन दशको से निशुल्क अपनी सेवाये दे रहे है। वहीं प्राइवेट एंबुलेंस ऐसे हैं जिनके मालिक पैसा लेकर एंबुलेंस का संचालन करते हैं और इतना ही नहीं मालिक की सांठगांठ डॉक्टर से लेकर सुरक्षा गार्ड तक है, सुरक्षा गार्ड का कार्य ऐसा है कि जब मरीज की मृत्यु होती है, वे त्वरित प्राइवेट एंबुलेंस के मालिक को सूचित करते, ताकि उनका कमीशन मिल जाए। संभवत यही कारण है कि फ्री के शव वाहन को उचित स्थान नहीं दिया जा रहा।



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