आर्यिका मृदुमति ने किया श्रावक संबोधन shravak sambodhan Aaj Tak 24 news



आर्यिका मृदुमति ने किया  श्रावक संबोधन shravak sambodhan Aaj Tak 24 news 

दमोह -  श्री १००८ भगवान पार्श्वनाथ दिग. जैन मंदिर, जबलपुर नाका, दमोह के मंदिर परिसर में मंच से संत शिरोमणि परम पूज्य १०८ आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज की परम विदूषी साध्वी पूज्य १०५ आर्यिका रत्नश्री मृदुमति माता जी ने भव्य श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि धर्म उपदेश किसी भी समय ग्रहण  किया जा सकता है। धर्म आत्मा का कल्याण करता है। मन में शांति प्रगट होती है। दुखों को शमन करने की शक्ति मिलती है। इस अवसर पर पूज्य १०५ निर्णयमति माता जी भी मंच पर विराजमान रहीं। सभा के पूर्व मेरी भावना पाठ का सामूहिक वाचन किया गया। "दिन रात मेरे स्वामी भावना ये भाऊं, देहांत के समय में तुमको न भूल जाऊं " नामक स्तुति भी विद्वानों द्वारा गाई गई। स्व. श्री ऋषभ जैन मलैया के अकस्मात निधन से शोक में डूबे मलैया परिवार व उनके समस्त कुटुंबी जनों ने पूज्य साध्वी संघ के चरण सानिध्य में शोक पर नियंत्रण करने की संवेदनाएं ग्रहण  करी। अंत में सभी जन समुदाय ने अपने स्थान पर खड़े होकर पूज्य आर्यिका संघ को त्रय बार बंदामि (प्रणाम) निवेदित किया। जिनवाणी स्तुति पश्चात सभा पूर्ण हुई।

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