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Vradha aasram pahuche guruwar Aaj Tak 24 news |
दमोह- श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी श्री राम कथा के छठवें दिन गुरुवार देर शाम वृद्ध आश्रम पहुंचे जिनके साथ कथा संयोजक अजय टंडन एवं पारुल टंडन सहित अन्य शिष्य गण मौजूद रहे वृद्ध आश्रम पहुंचकर गुरुवर ने सभी वृद्धजनों की आरती उतारी उन्हें माला पहनाई तिलक लगाया और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान वृद्धों ने उनकी बलैयां लीं, गाल खिलाया, और एक बेटे की तरह दिल खोलकर प्यार किया। इसके बाद गुरुवर ने सभी वृद्धजनों को कंबल उड़ाकर उनका सम्मान किया एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। महिलाओं को भी साड़ियां एवं कंबल वितरित किए। इस दौरान गुरुवर ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि वह ना तो कोई साधु है ना संत हैं ना ही कोई चमत्कारी हैं, वह एक साधारण व्यक्ति हैं। वृद्धजनों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में उनके साथ जरूर खड़ा होना चाहिए जिनके साथ कोई खड़ा नहीं होता। अमीरों के साथ तो लाखों गुरु, लाखों नेता, अभिनेता, हजारों मित्र खड़े हो जाते हैं, लेकिन जो बिछड़े हुए होते हैं उनके साथ कोई नहीं होता। हमें ऐसे व्यक्ति का साथ देना चाहिए। उन्होंने वृद्ध आश्रम में रह रही वृद्धजनों को देखने के बाद कहा कि भारत का दुर्भाग्य है और खासतौर से उनके पुत्रों का दुर्भाग्य है जो अपने माता पिता को वृद्ध आश्रम में रहने के लिए भेज देते हैं। उन्होंने कहा कि जिनके पिता माता वृद्ध आश्रम में रहते हैं ऐसे पुत्रों को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए ऐसे बेटों को भगवान जन्म ना दें तो अच्छा है जो वृद्ध आश्रम में अपने माता पिता को छोड़ आते हैं। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि वृद्ध आश्रम में माता-पिता को नहीं रखना चाहिए बल्कि पुत्रों को अपने साथ रखना चाहिए। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने बताया कि उन्होंने विधायक एवं कथा संयोजक अजय टंडन को कहा है कि वह सभी वृद्ध जनों को कल विशेष वाहन से कथा पंडाल में लेकर आएं जहां पर वह आराम से बैठकर भगवान श्री राम की कथा श्रवण कर सकें। कथा संयोजक अजय टंडन की नाती बने श्री राम सीता दमोह- कथा संयोजक विधायक अजय टंडन की नातिन आयुषी अरोरा एवं मायरा मेहरोत्रा को श्री राम के विवाह की कथा के दौरान मां जानकी एवं श्री राम के रूप में तैयार किया गया था। जहां पर कथा के दौरान दोनों को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम एवं जानकी जी के सजीव चित्रण के रूप में प्रस्तुत किया गया। जहां पर श्री राम विवाह आयोजित किया गया।