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Sawcha Bharat abhiyan me kalektret me dum toda Aaj Tak 24 news |
शहडोल - भारत का स्वच्छ भारत अभियान और कलेक्टर वंदना वैध का छात्रावासो में फैली गंदगी और अव्यवस्था पर फटाकर लगाना लाज़िमी है गुरुवार मैडम ने दलबल के साथ निरीक्षण किया और दनदना फैसला करते हुए कही ताले तुड़वाए तो कहीं गाजर घास और सड़क निर्माण में खर्च करो निर्देशित किया लेकिन शुक्रवार को एक आम नागरिक ने कलेक्टर कार्यालय का भ्रमण कर लिया इस भ्रमण में कोई दल बल नहीं था ना ही शासन की जेब का कोई टीएडीए लेकिन जनता के निरीक्षण में कलेक्टर कार्यालय ही गंदगी से सराबोर नज़र आया सड़ांध मारती बदबू मानों कलेक्टर कार्यालय में स्वागत वंदन करती है और बगैर आधुनिक युग का दुर्गंध युक्त स्प्रेड का मजा लिए लोगों को कलेक्ट्रेट में दाखिल होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। आम नागरिक के साथ घर में कामकाजी महिला बरौनी भी थी उसने जो दो टूक कहा गुजरते पत्रकार साथी ने सुन लिया फिर क्या था बरौनी की बात से निर्मित माहौल ने बतला दिया साफ सफाई का ढिंढोरा पीटने वाले लोगो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान की हवा निकालने में लगे है हालांकि साफ सफाई स्वच्छता अभियान गांधी की देन थी उनकी विरासत खादी, चश्मा, लाठी सब धीरे धीरे अधिग्रहीत कर लिया गया। बहरहाल बरौनी की बात दिया तले अंधेरा रहता ही है इसके मायने वर्तमान समय में तलाशने होंगे। गौरतलब हो कि कलेक्टर कार्यालय में बदबूदार माहौल शौचालय की बद से बद्तर स्थिति में आखिर सुधार होने से कलेक्टर कार्यालय में कामकाजी महिलाओं एवं पुरुषों को बेहतर माहौल न मिले और बेबस कर्मियों की हालत बंधुआ मजदूर सरिके होए जा रही है। कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ पुरुष कर्मचारी, अधिकारियों को तो दिवाली पोथकर क्रांति लिखते हुए देखा होगा लेकिन कलेक्ट्रेट परिसर में नारी शक्ति महिला कर्मचारी की बेबसी का अंदाजा जिले की प्रख्यात संवेदनशील महिला कलेक्टर वंदना वैध को गर नहीं है तो सवाल हम पूछगे ही। मैडम कभी देखा अधिनस्थ कर्मियों का शौचालय बेबसी पर जुबान पर ताला जड़ा हुआ है लेकिन बदबू तो घूमघूम कर चिंघाड़ मर रही है शहडोल कलेक्टर कैसा हो। वंदना वैध जैसा हो