स्व-सहायता समूह से जुड़कर आदिवासी महिलाए तरक्की की राह पकड़ी
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स्व-सहायता समूह से जुड़कर आदिवासी महिलाए तरक्की की राह पकड़ी | sv shayta samuh se judkar aadiwasi |
रंजना और पूजा गौड़ सहित अन्य महिलाओं के जीवन में आया बदलाव
दमोह अरविंद जैन स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष रंजना गौंड़ कहती हैं कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो गई हैं। समूह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बदलाव आया हैं। वे कहती हैं समूह ने पहले उर्पाजन का काम किया था जिसे उन्हें फायदा हुआ। इसके बाद ड्रिप लगाकर वे लगभग 1 एकड़ में सब्जी उगाने का काम कर रही हैं। उन्होंने आरएफ की 11 हजार रूपये की राशि, सीआईएफ की 75 हजार रूपये निकलवाकर पहले उर्पाजन का काम किया तत्पश्चात यह ड्रिप लगवाई हैं जिसमें लोकी, फथकुली, करेला, मिर्च, शिमला र्मिच आदि विभिन्न प्रकार की सब्जी उगाई जा रही हैं। वे कहती हैं सब्जी बाजार में बेचकर जो पैसे आते हैं उन्से पालन पोषण भी हो जाता हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद दिया।
इसी प्रकार समूह की सदस्य पूजा गौंड़ ने बताया किसानी करते हैं, सब्जी बेचकर पैसे आते हैं। उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद देते हुये कहा ऐसी ही योजनाए चलाते रहे जिससे समूह दिन व दिन तरक्की करता रहे।
ग्राम ससनाकला झलौन के शारदा स्व सहायता समूह में महिलाओं की पूर्व की मासिक आय 3500 रूपये थी लेकिन समूह में जुड़ने के बाद उनकी मासिक आय 11000 रूपये हो गई है, समूह की वार्षिक आय लाखों में हो गई है। ये आदिवासी महिलाएं समाज के अन्य लोगो के साथ तरक्की की राह पकड़ ली हैं और सरकार को धन्यवाद दे रही हैं।