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पूरी हुई भाटिया परिवार की अरज 39 वर्षो बाद जब घर में बेटी की किलकारी गूंजी beti hone ki khushi |
बड़वाह - नगर में समाजिक बदलाव का एक सुन्दर उदहारण उस समय देखने को मिला।जब विवेकानन्द कालोनी में रहने वाले एक सिक्ख परिवार ने परिवार की सबसे छोटी सदस्य के आगमन पर उसका गृह प्रवेश ढ़ोल-ढमाको के शोर के बीच नाग-गाकर करवाया।इस दौरान पुरे भाटिया परिवार की ख़ुशी देखते ही बन रही थी।छोटे से लेकर बढ़े सभी इस नन्ही परी के आगमन पर बेहद प्रसन्न नजर आ रहे थे।आकर्षक विद्युतलड़ियों से जगमगाता घर,मुख्य द्वारा द्वार पर सजी रंगोली,रंगबिरंगे गुब्बारों से इठलाती दीवारे एवं दियो की रोशनी से जगमगाता घर देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो इस कालोनी में आज ही दिवाली मनाई जा रही है और हो भी क्यों न 39 वर्षो बाद आज इस घर में बालिका की किलकारी जो गूंजी है।कालोनी के अन्य परिवार भी सेवानिवृत प्रधानपाठक सुरजीत भाटिया की खुशियों में सम्मिलित हुए।उन्होंने भाटिया परिवार के कदम की बेहद सराहना की।
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