951 जोडो ने एक स्वर मे श्री धन्ना शालिभद्र का जाप किये व 99 भाग्यशालियों के भाग्य खुले। 951 jodo ne ek swar me shree

 951 जोडो ने एक स्वर मे श्री धन्ना शालिभद्र का जाप किये व 99 भाग्यशालियों के भाग्य खुले।..........

951 जोडो ने एक स्वर मे श्री धन्ना शालिभद्र का जाप किये व 99 भाग्यशालियों के भाग्य खुले। 951 jodo ne ek swar me shree


जावरा  आँल इण्डिया स्थानकवासी जैन कान्फ्रेंस के राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक सुजानमल कोचट्टा ने बताया कि श्रमणसंध की विदुषी महासती प्रखर वक्ता राजस्थान विरांगना श्री जयश्री जी म. सा. मधुर वक्ता श्री राजश्री जी म. सा. व सेवाभावी श्री समीक्षा श्री जी म.सा. आदि ठाणा तीन  ने जावरा मे अपने प्रभावशाली चार्तुमास के बाद निम्बाहेडा मे अपने एतिहासिक चार्तुमास के लिए पुरे श्रमणसंध मे जोरदार प्रशंसा के साथ श्रमणसंध की सिरमोर बनगई है।

 जावरा चार्तुमास के बाद निम्बाहेडा मे चार्तुमास हैतु बिराजीत महासतियो ने पर्युषण महापर्व तक धर्म ध्यान का जो थाट जमाया की भक्तों ने महासतियो के कहने मात्र पर जैन समाज मे पुज्यनीय श्री धन्ना शालिभद्र जी के सहजोडे भव्य जाप कराने की तैयारियाँ प्रारम्भ करदी।श्री कोचट्टा ने बताया कि इन्दोर से लगाकर जयपुर तक व बाम्बे से लगाकर दिल्ली तक के सभी श्रीसंधो को विशाल पैमाने पर सहजोडे  श्री धन्ना शालिभद्रजी के जाप मे पधारने के  निमंत्रण भेज दिए सौशल मिडिया, फैशबुक व वाट्सएप का जमकर उपयोग किया तो जाप के लिए सभी क्षैत्रों से परिवारों का मैला उमड पडा ।500 के स्थान पर 951 सहजोडो ने पुण्यात्मा कुबेरपति  श्रीधन्ना शालिभद्रजी के जाप मे भाग लिया ।      श्री कोचट्टा ने बताया कि श्री धन्ना शालिभद्रजी की कहानी यह है कि पुर्वजन्म मे धन्ना शालिभद्र का जन्म बहुत गरीब धर मे हुँआ था तथा बाल्यावस्था मे ही उन्होंने शुध्दभाव से अपने लिए बनाई खीर भी एक सन्त को वेरादी, परोसदी तथा वही पर बालक की मृत्यु हो जाने के बाद पुर्न उनका जन्म कुबेर पति गोभ्रदा सेठ के यहां हुँआ बाद मे श्री धन्ना शालिभद्र जी की 32 रानियों से शादी हुँई थी बाद मे कुछ ऐसा धटना क्रम बना की शालिभद्र जी ने अरबो खरबो के हिरे जेवरात आदि सम्पत्ति व रानियों को त्याग कर संयम पद अंगीकार कर लिया।  जैन धर्म  श्री धन्ना शालिभद्र जी को पुज्यनीय माना है कहते है कि शुध्द भाव से इन के स्मरण से धन वैभव की प्राप्ति होती है।कहते श्री शालिभद्र नर मुख से बोल। धर धर लक्ष्मी करे किलोल।                  श्री कोचट्टा ने बताया कि              श्री धन्ना शालिभद्र जी के जाप मे बैठने वाले पुरूष सफेद डे्स मे थे तथा महिलाएं लाल चुनरिया वेश मे थी।जाप का आयोजन स्थल कृषि उपज मण्डी का विशाल डोम प्रागण भी छोटा पड गया। जाप के सम्पूर्ण आयोजन मे सहजोडो के साथ ही बडी संख्या मे धर्मप्रेमियों का मेला लगा था। सभी की नोकारसी व गोतम प्रसादी का लाभ नवनिर्वाचित अ.भा. जैन दिवाकर संगठन समिति के अध्यक्ष श्री शान्तिलाल जी मारू परिवार ने लिया वहीं अन्य लाभ लेने वाले सभी लाभार्थियों क्रमशः बसंतीलालसिंंधवी,मदनलाल  विरवाल,हस्तिमल दुग्गड, जैन दिवाकर महिलामण्डल,पारसमल बोहरा व रमेश चौपडा आदि जिनका भव्य अभिनन्दन निम्बाहेडा श्रीसंध  के अध्यक्ष मोती लाल राकां व ज्ञानचंद जी ढेलावत आनंद सालेचा , मनोज ढेलावत व नन्नू तलरेचा ने साफा बाधकर शाल श्रीफल से मोतियों की माला पहना कर अभिनन्दन सम्मान किया।

श्री कोचट्टा ने बताया     पुण्यात्मा कुबेरपति श्री धन्ना शालिभद्र के जाप मे बैठे 951 सहजोडो मेसे 99 भाग्यशालियों को ड्रा के माध्यम से पुरूस्कृत किया जिसमें जावरा के  श्रीमती त्रिशला श्रैणीक नादेंचा की पेटी मे दो ग्राम सोने की गिन्नी साडी, डृयफूड के पेकेट आदि निकले ,जावरा के ही अन्य भाग्यशालियों मे श्रीमती सविता सुजानमल कोचट्टा, श्री मती प्रतिभा अभय मण्डलेचा, श्रीमती रेखा अभय सुराणा, श्रीमती पुखराज भण्डारी आदि को पुरूस्कृत किया।लगभग 99 शालिभद्र जी पेटियो मे 1000  के लगभग का पुरस्कार निकला । कहाँ जाता है कि पुण्यात्मा कुबेरपति शालिभद्र जी ने जब संसार व अपनी पत्नियों को छोडकर संयम लिया था तब 99 पेटियो मे हिरे जवारात भरकर सारा धन वेभव दान मे देदिया था। तब से जैन समाज के लोग बही चोपडो मे दीपावली पुजन के बाद श्री धन्ना शालिभद्र जैसी रिध्दि सिध्दी विजोजी पुजा के समय सबसे पहले लिखते है। निम्बाहेडा के भाग्यशालियों मे जैन दिवाकर संगठन के अध्यक्ष श्रीमती रोशनबाई शान्तिलाल मारू, श्रीमती मंजु मनोहर ढैलावत, श्रीमती सीमा मनोज उर्फ पिन्नु ढेलावत श्रीमती सरोज कमलेश ढेलावत , आदि 99 सहजोडो को पुरूस्कृत किया गया। और यह सारे पुरूस्कार धन्ना शालिभद्र का किरदार कर रही कु. विधि मनोज ढेलावत के द्रारा सभी भाग्यशालि सहजोडो को प्रदान किये गये । श्री कोचट्टा ने बताया कि निम्बाहेड़ा श्रीसंध के अध्यक्ष मोतीलाल जी राकां महामंत्री आन्नद सालेचा, ज्ञानचंद ढेलावत सिध्दराज सिंंधवी, सुरेश जी सिधंवी कमलेश ढेलावत, डाँ जे एम जैन,  सिध्दराज गोखरू, मुकेश ढेलावत, आदि महिला मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती केसरबाई ढेलावत, मंत्री श्रीमती रानी सिंंधवी, कोषाध्यक्ष श्रमती सुनिता गोखरू, बहु मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती सीमा ढेलावत, मंत्री श्रीमती सीमा गांधी, कोषाध्यक्ष श्रीमती चंचल नावेडा इसी प्रकार नवयुवक मण्डल के अध्यक्ष कमलेश दुग्गड, मंत्री हनी मारू,व कोषाध्यक्ष  आदि बडी संख्या मे श्रावकसंध, महिला मण्डल, बहुमण्डल बालिका मण्डल व युवक मण्डल ने शालिभद्र जी के जाप के भव्य आयोजन को सफल बनाने मे अपनी महती भुमिका निभाई। स्वयं महासतिया जी ने कहाँ कि इतना प्रभावशाली व एतिहासिक चार्तुमास मेरी दिक्षा के बाद का यह पहला चार्तुमास है मै बहुत ही खुश हुँ निम्बाहेडा मे चार्तुमास करके और मै व मेरा सति मण्डल निम्बाहेडा श्रीसंध व सभी मण्डलो को  बहुत बहुत साधुवाद देते है।

Comments

Popular posts from this blog

कलेक्टर दीपक सक्सेना का नवाचार जो किताबें मेले में उपलब्ध वही चलेगी स्कूलों में me Aajtak24 News

पुलिस ने 48 घंटे में पन्ना होटल संचालक के बेटे की हत्या करने वाले आरोपियों को किया गिरफ्तार girafatar Aaj Tak 24 News

कुल देवी देवताओं के प्रताप से होती है गांव की समृद्धि smradhi Aajtak24 News