कीचड़ से होकर स्कूल जाने पर मजबूर है छात्र | kichad se hokar school jane pr majbur hai chatra

 कीचड़ से होकर स्कूल जाने पर मजबूर है  छात्र

 बटियागढ़ के सेमरा रामनगर के बच्चे घुटनों तक भरे कीचड़ से प्रतिदिन गुजरने होते हैं मजबूर।

कीचड़ से होकर स्कूल जाने पर मजबूर है छात्र | kichad se hokar school jane pr majbur hai chatra


दमोह। शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधारने के लिए सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की योजना चलाई जा रही हैं तो वही करोड़ों रुपए की लागत से नए स्कूल भवन भी तैयार किए जा रहे हैं, जिले  लेकिन आज भी ग्रामीण अंचलों में यह हाल है कि स्कूल तक जाने के लिए पक्का मार्ग नहीं है और बच्चों को कीचड़ से होकर स्कूल जाना पड़ता है।  हमारे देश का भविष्य कीचड़ से होकर स्कूल जाने मजबूर है ऐसा ही एक मामला दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के सेमरा रामनगर गांव में सामने आया है जहां  स्कूली बच्चे घुटनों तक भरे कीचड़ से होकर स्कूल जा रहे हैं।  आलम यह है कि यह बच्चे पैरों में जूते और चप्पल भी नहीं पहन सकते हैं नंगे पैर ही स्कूल जाना पड़ता है।  क्योंकि यदि यह चप्पल पहनकर कीचड़ से गुजरेंगे तो चप्पल टूट जाएगी और  जूते पहनकर जाएंगे तो वह जूते कीचड़ में ही फंस जाएंगे।  बारिश के 4 महीने यहां इन बच्चों को जीवन और मौत से संघर्ष करना पड़ता है। उसके अलावा ग्रामीण भी इसी कीचड़ से होकर गुजरते है।   ज्यादा देर बारिश हो गई तो कीचड़ दलदल में तब्दील हो जाता है।  जिससे कभी भी यह बच्चे दुर्घटना का शिकार भी हो सकते हैं।


500 मीटर के रास्ते में है कीचड़


 बटियागढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सगरोन के ग्राम सेमरा रामनगर से 1 किलोमीटर दूर मगरोन  गांव के मिडिल स्कूल में पढ़ने जाते हैं।  सेमरा से मगरोन की दूरी 1 किलोमीटर है।  जिसमें से 500 मीटर की दूरी में कीचड़ भरा है।  यहां आधे मार्ग में सड़क का निर्माण हुआ है,  लेकिन आधे मार्ग में कीचड़ और दलदल है।  स्कूली बच्चों ने बताया कि बारिश के दिनों में यहां कीचड़ हो जाता है और वह इस कीचड़ से होकर स्कूल जाने मजबूर हैं।  क्योंकि उन्हें पड़ लिखकर अपना भविष्य बनाना है।  इसलिए वह कीचड़ की भी परवाह नहीं करते।  यह बच्चे कंधे पर बैग टांग कर बिना जूते, चप्पल के इस कीचड़ से होकर गुजरते हैं।  गांव के

 रूपेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि गांव की आबादी 670 है। गांव के बच्चे शासकीय मिडिल स्कूल मगरोन में पढ़ने जाते हैं।  जिन्हें बारिश के 4 महीने इसी दलदल और कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है आज तक इस 500 मीटर के रास्ते में सड़क का निर्माण नहीं हुआ।  आधे रास्ते में सड़क निर्माण हुआ है और आधा रास्ता इसी तरह कीचड़ में तब्दील है।

 छोटे-छोटे बच्चों ने  बताया कि वह चाहते हैं कि यहां पर सड़क का निर्माण हो जाए ताकि वह सुगम तरीके से स्कूल जा सके और अपने पैरों में जूते,  चप्पल भी पहन सकें क्योंकि जब भी नंगे पैर इस कीचड़ से होकर गुजरते हैं तो पत्थर, कांच के टुकड़े और अन्य नुकीले तार उनके पैर में चुभ जाते हैं जिससे वह घायल भी होते हैं।  उन्होंने शासन और प्रशासन से मांग की है कि हम बच्चों की समस्या पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए ताकि वह स्कूल में पढ़ाई कर अपना भविष्य बना सकें।


यह बोले सरपंच

ग्राम पंचायत सगरोन के नव निर्वाचित सरपंच धीरज सिंह लोधी का कहना है कि सेमरा रामनगर गांव  आने जाने में बड़ी समस्या होती है। मगरोन से रामनगर की दूरी 1 किलोमीटर है जिसमें से 500 मीटर का रास्ता कीचड़ में तब्दील है।  जिससे यहां के लोगों को आने जाने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।  हमने वहां पर अभी पत्थर डलवाए हैं जैसे ही बारिश खत्म होती है  वहां पर कीचड़ को साफ करके पत्थर डलवाए जाएंगे।

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