धमनोद के समाज जनों ने मदद कर सूरत तक पहुंचाया आर्थिक सहायता भी की dhamnod ke samaj jano ne maddaw
धमनोद के समाज जनों ने मदद कर सूरत तक पहुंचाया आर्थिक सहायता भी की
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धमनोद के समाज जनों ने मदद कर सूरत तक पहुंचाया आर्थिक सहायता भी की dhamnod ke samaj jano ne madda |
पारिवारिक समस्या हल कर दूंगा कह कर तांत्रिक ने रुपये ऐंठ लिए
धामनोद--- माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष भगवानदास मुंदड़ा और कैलाश परवाल ने माहेश्वरी समाज के एक परेशान व्यक्ति की मदद पर उसे सूरत तक पहुंचाया यही नहीं उसे आर्थिक सहायता भी प्रदान की दरअसल राजस्थान के रहने वाले लालचंद ओम प्रकाश काकानी राजस्थान से उज्जैन आए थे इस दौरान उज्जैन में वह रुके पारिवारिक समस्या का हल करने की बात पर किसी ने उनसे छल पूर्वक रुपये एठ लिए बाद बड़ी मुश्किल से वह इंदौर तक आए लेकिन इंदौर में भी किसी से मदद नहीं मिली तो धामनोद आ पहुंचे यहां अब उन्होंने सामाजिक स्तर पर मदद के लिए गुहार लगाई बाद माहेश्वरी समाज धामनोद के नगर अध्यक्ष भगवान मूंदड़ा के प्रतिष्ठान पर पहुंचे वहां उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताया बाद समाज के ही कैलाश परवाल भी पहुंचे और आए हुए सामाजिक व्यक्ति की मदद कर उसे आर्थिक सहायता दी और सूरत के लिए रवाना किया
मोबाइल भी इंदौर में किसी ने चोरी कर लिया
दिखने में भोले भाले व्यक्ति लालचंद ने अपनी पीड़ा बताई की उज्जैन में ठगी का शिकार होने के बाद वहां पर रेलवे स्टेशन पर जब वह सो रहे थे जब किसी ने मोबाइल निकाल लिया तब वह बुरी तरह परेशानी में फंस गए बाद माहेश्वरी समाज के होने के कारण समाज जनों की जानकारी निकाली मदद मांगते मांगते धामनोद आ पहुंचे यहां धामनोद के मौजूद समाज जनों को पीड़ा बताई तो समाज जनों ने उनकी मदद की समाज के राजकुमार माहेश्वरी ने अपने प्रतिष्ठान पर ले जाकर उन्हें भोजन भी करवाया
परिजनों को दी जानकारी सूरत परिचित के यहां भेजा
समाज जनों ने आगंतुक लालचंद से परिवार की जानकारी मांगी बाद उनके पिता जो कि हाल में कोटा में रहते हैं संपर्क किया तथा लालचंद के सुरक्षित होने की जानकारी मोबाइल पर दी लालचंद ने अपनी पीड़ा बताते हुए यह बताया कि उन्हें किसी ने यह कह दिया था कि उज्जैन में एक तांत्रिक परिवार की सभी समस्या हल कर देता है यह समझकर उज्जैन आ गए और ठगी का शिकार हो गए मौजूद समाज जनों ने हिदायत दी कि कभी भी किसी के कहने पर ठगने वाले तांत्रिक और अन्य झूठे लोगों के चक्कर में ना फंसे सदैव सावधान रहें भोजन करवाकर समाज जनों ने लालचंद को परिचित के यहां सूरत भेज दिया
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