सेवा तन मन धन से की जा सकती है और अपनी वाणी से भी सेवा की जा सकती है - श्री सुराणा | Seva tan man dhan se ki ja sakti hai

सेवा तन मन धन से की जा सकती है और अपनी वाणी से भी सेवा की जा सकती है - श्री सुराणा

सेवा तन मन धन से की जा सकती है और अपनी वाणी से भी सेवा की जा सकती है - श्री सुराणा

जावरा (यूसुफ अली बोहरा) - सेवा का क्षेत्र बहुत व्यापक है सेवा तन से, मन से, धन से किसी भी तरह से सेवा की जा सकती है, हम अपनी वाणी से भी सेवा कर सकते हैं, हमारे द्वारा कहे गए शब्दों से किसी की भावना आहत ना हो, दिल नहीं दुखे का भी ध्यान रखें। वर्तमान में सेवा के क्षेत्र में श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति के अध्यक्ष अभय सुराणा के नेतृत्व में संस्था बहुत अच्छा कार्य कर रही है। उक्त विचार संस्था के मैत्री मिलन समारोह, साधारण सभा में मुख्य अतिथि समाजसेवी श्री सुजानमल कोचट्टा ने व्यक्त करें इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री मदनसिंह चोरड़िया ने कहा कि संस्था की सभी सेवा गतिविधियां तो बहुत सराहनीय है हमें अपने सभी साधर्मी भाई बहनों के लिए और अधिक विस्तार करने की आवश्यकता है।

समिति के अध्यक्ष अभय सुराणा ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष मेरा स्लोगन आओ कुछ नया करें को सभी साथियों की सक्रियता से नए-नए प्रोजेक्ट हम कर रहे हैं आपने कहा कि अभी तो हमने चलना शुरू किया है आगे आने वाले समय में भी नियमित गतिविधियों के साथ-साथ कैंसर परीक्षण शिविर जिसकी पूरी वेन जो मुंबई से जावराआएगी तथा उसमें सारी जाचे तत्काल होगी वह आयोजित कर रहे हैं इसके साथ ही  ह्रदय परीक्षण शिविर, प्रतिभावान छात्रों का सम्मान धार्मिक पाठशाला में अध्ययनरत बालक बालिकाओं की सामान्य ज्ञान कांपटीशन भी हम करेंगे। इसके साथ ही आगामी मीटिंग पूरी तरह महिला द्वारा संचालित होगी इसके लिए एक समिति बनाई गई है जिसमें श्रीमती पुष्पा चपडोद एवं श्रीमती चंचल पटवा के साथ 11 महिला प्रतिनिधि संपादित करेगी।

संस्था के सचिव श्री पुखराज पटवा द्वारा अभी तक की गई सेवा गतिविधि की जानकारी सदन में रखी तथा सभी से भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा की।इस अवसर पर विवाह वर्षगांठ समिति के चेयरमैन श्री अनिल चोपड़ा द्वारा संस्था के सदस्य श्री आनंदीलाल -श्रीमती चमेली देवी संघवी श्री सुजानमल श्रीमती सविताजी कोचट्टा श्री प्रकाशचंद श्रीमती पदमा श्रीश्रीमाल सुशील जैन श्रीमती राजकुमारी जैन की विवाह वर्षगांठ भी मनाई गई सभी को तिलक लगाकर माला पहनाकर और सम्मान पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया ।श्री नेमीचंद जैन द्वारा भी श्री शांतिलाल दुग्गड प्रकाश चंद कोठारी प्रकाश  श्रीश्रीमाल का जन्मदिन मनाया गया।

सदस्यों के ज्ञानवर्धन के लिए मीटिंग में संस्था अध्यक्ष अभय सुराणा द्वारा 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ प्रभु के संदर्भ में एवं सामान्य प्रश्न भी पूछे गए तथा सही उत्तर देने वाले सभी विजेताओं को श्री अभय जी भंडारी द्वारा पुरस्कार दिया गया। यात्रा संयोजक श्री शैतानमल दुगड़ द्वारा संस्था द्वारा आयोजित अगस्त माह में 4दिवसीय यात्रा की विस्तृत जानकारी दी गई। संस्था के कोषाध्यक्ष श्री शांतिलाल डांगी द्वारा ऑडिट रिपोर्ट आय व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया। प्रारंभ में भगवान महावीर के चित्र पर अतिथियों एवं पदाधिकारीयों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया एवं माल्यार्पण की। प्रार्थना श्रीमती पुष्पा चपडोद एवं श्रीमती मेहता ने प्रस्तुत करी। मीटिंग के पूर्व जीव दया सोसाइटी पर संस्था के सदस्यों द्वारा गायों को चारा खिलाया गया। श्री शांतिलाल रुनवाल ने अपने पिता की स्मृति में ₹300  रुपए की सहयोग राशि प्रदान करी।

कार्यक्रम का संचालन श्री आनंदीलाल संघवी एवं श्री प्रकाशचंद श्रीश्रीमाल द्वारा किया गया।

*सेवा गतिविधियों में इनका रहा सहयोग* 

श्री सुजानमल कोचटा ने ₹2100 रुपए श्री आनंदीलाल संघवी ने 1100 रुपए श्री प्रकाश चंद श्री श्रीमाल ने ₹1100रुपये श्री सुशील जैन ने ₹500 रुपए श्री प्रकाशचंद कोठारी ने ₹500रूपये प्रदान किए।

*इनकी रही गरिमामय उपस्थिति*

चंदनमल कोठारी ,वर्धमान मांडोत कनकमल कांठेड़ , पुखराज कांठेड़,मनोहरलाल ओसतवाल, योगेंद्र कोठारी, श्रेणिक नांदेचा,भूपेंद्र कांठेड़, पवन संघवी, पारस ओरा अभय भंडारी जवाहरलाल श्रीमाल पारस कांठेड़ अशोक छजलानी कैलाश नाहर अशोक झामर सुभाष डूंगरवाल डॉ राजकुमार पीपाड़ा,दिनेश पोखरना रमणीक काकरिया विजय पामेचा डॉ अनिल छाजेड़  अजय आंचलिया रमेशचंद भीमावत कनेश मेहता प्रकाश छाजेड़ विमल चपडोद आदि उपस्थित थे। 

आभार प्रदर्शन आनंदीलाल संघवी ने किया एवं सभा समाप्ति राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुई।

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