संत सिंगाजी पावर परियोजना की तीसरी इकाई से विधुत उत्पादन ठप
कोयले की कमी के बाद अब पानी के लिए तरस रही है परियोजना
पानी की कमी से स्लरी लाइन चौक होने के कारण बंद करनी पड़ी इकाई पाइपलाइन काटकर निकली जा रही है राखड
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी मे लागू नही होती कंपनी की नियमावली बगेर टेक्निकल डायरेक्टर के चल रही कंपनी
इलेक्ट्रिक फाल्ट बता कर गुमराह कर रहे है अधिकारी
मान्धाता (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे घटिया मटेरियल लगाकर तैयार की गई 660 मेगावाट की इकाई नंबर तीन सोमवार रात अचानक ट्रिप होकर बंद हो गई जिसका सुधार कार्य मंगलवार भी जारी रहा सूत्रो के अनुसार परियोजना कोयले के बाद अब पानी के लिए तरस रही है बताया जा रहा है की परियोजना को पर्याप्त पानी नही मिल पा रहा है जिस कारण इकाइयां पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नही कर पा रही है जिससे बिजली बनाने का खर्च बढ़ रहा है सोमवार रात इकाई नंबर तीन मे पानी की कमी के कारण राखड बांध तक राखड़ नही पहुच सकी पानी की कमी के कारण पाइपलाइन चौक हो गई इसी लाइन को जगह जगह काट काटकर सारी राखड को खाली किया जा रहा है सारी नालियां राखड से भरी पड़ी है इकाई का अचानक से बंद होना ऐसे समय मे गंभीर चूक माना जा रहा है वर्तमान मे सरकार को निर्बाध बिजली उत्पादन कर प्रदेश को अंधेरे से मुक्त रखना है लेकिन यहा प्रबंधन की अकुशलता से चलती हुई इकाई बंद हो गई वही अधिकारी इस बात को छुपाकर एलेक्ट्रिक फाल्ट बता रहे है
अब तक नही किया जा सका इकाइयों पी जी टेस्ट
निर्माण एजेंसी एल एंड टी पावर को दिए गए कार्यआदेश मे इकाइयों के निर्माण के तीन महीने के अंदर ही परफार्मेंस गारंटी टेस्ट कराने का स्पष्ट उल्लेख है लेकिन करीब तीन साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी इकाइयों का पी जी टेस्ट नही किया जा सका जबकि अब तक संधारण सहित टरबाइन टूटने मे इकाइयों मे सेंकड़ों करोड़ के नये काम करा दिए गए है फिर भी इकाइयां ज्यादा कोयला एवं ऑइल खा रही निश्चित मापदंड नही मिलने से ये नव निर्मित इकाइयां प्रदेश की चालीस साल पुरानी इकाइयों से भी महंगी बिजली का निर्माण कर रही है
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी मे लागू नही होती कंपनी की नियमावली बगेर टेक्निकल डायरेक्टर के चल रही कंपनी
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी मे करीब दो साल से कंपनी की नियमावली शिथिल पड़ी है ओर सरकार के नुमाइंदे खामोश है कंपनी मे टेक्निकल डायरेक्टर का महत्वपूर्ण पद सालो से खाली पड़ा है इस पद पर बेठा अधिकारी पूरे प्रदेश की परियोजनाओ की टेक्निकल मानिटरिंग करता है जिस कारण कंपनी कई गंभीर समस्याओ को आने से पहले ही रोक कर करोडो रुपये बचाए जाते है लेकिन यहा तो शायद यह महत्वपूर्ण पद को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है जो कंपनी के लिए बहुत घातक है ऊर्जा सचिव को इस ओर गंभीरता से निर्णय लेने की जरूरत है
वर्जन
इकाई नम्बर तीन मे तकनीकी समस्या आने से इकाई को बंद किया है फाल्ट अटेंड कर कल सुबह इकाई को फिर से शुरू कर दिया जाएगा॥
अनिल कुमार शर्मा ..मुख्य अभियंता
संत सिंगाजी पावर परियोजना
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