ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया | Dhol mandal va bansuri ki tan ne pranay nagri ko ek bar fir jivant kr diya

ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया

ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया

धरमपुरी (गौतम केवट) - पर्यटन नगरी मांडू में भगोरिया का खूब रंग जमा। क्षेत्र का अंतिम भगोरिया होने से हजारों आदिवासी समाजजन पहुंचे। जामा मस्जिद व अशरफी महल परिसर में लगे भगोरिया हाट में प्राचीन इतिहास व आदिवासी संस्कृति का अद्भुत तालमेल देखने को मिला। ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया।

ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया

35 से अधिक ढोल-मांदल नृत्य दलों ने शिरकत की। देशी-विदेशी पर्यटकों ने आदिवासी संस्कृति के इस पर्व कैमरे में कैद किया। मांडू भगोरिया पर्व पर आदिवासी संस्कृति का जोरदार रंग विश्व प्रसिद्ध नगरी मांडू में छाया। आसपास के क्षेत्र के लगभग 4 दर्जन गांवों के मांदल के साथ भाग लिया।

ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया

आदिवासी परिधान में आसपास की जनता ने खूब धूम मचाई। छोटे-छोटे फलियों और गांवों के लोग सुबह से ही अपनी-अपनी टीम लेकर मांडू पहुचना शुरू हो गए थे व मांडू पहुंचते हर टीम ने अपनी अपनी मांदल को कसना शुरू किया। पीतल की थाली, डंडी के साथ और घुंघरुओं की आवाज व मांदल की थाप पर लोगों ने नाचते-झूमते भगोरिया मैदान में पहुंचे। विभिन्न मंचों के माध्यम से नृत्य दलों का सम्मान किया गया। 1 बजे से मेला स्थल में ढोल-मांदल नृत्य दलों का प्रवेश शुरू हो गया था। देखते ही देखते पूरा परिसर खचाखच भर गया। आदिवासी वर्ग के बड़े, बुजुर्ग युवा- मस्ती में मस्त होकर ढोल-मांदल पर नाच रहे थे।

ढोल-मांदल व बांसुरी की तान ने प्रणय नगरी को एक बार फिर जीवंत कर दिया

मांडू का भगोरिया देखने मांडू के आसपास के लगभग 40 गांव के लोग यहां पहुंचे। 35 से भी ज्यादा मांदल दल यहां पहुंचे। भगोरिया पर्व को लेकर यहां रोजगार के लिए पलायन कर गए। आदिवासी समाज के लोग भी बड़ी संख्या में लौट कर घर आए, उन्होंने भगोरिया का आनंद लिया।

आदर्श भगोरिया का जिला प्रशासन वह नगरी प्रशासन द्वारा मंच लगाकर स्वागत किया गया वहीं जिला प्रशासन और नगरी प्रशासन के द्वारा भगोरिया नृत्य करने वाले को पुरस्कार राशि प्रदान की गई प्रथम पुरस्कार 15000 द्वितीय पुरस्कार 10,000 तृतीय पुरस्कार ₹5000 दिया गया वही भारतीय जनता पार्टी के मंच से भी स्वागत किया गया मंच पर मौजूद भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज पटेल, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष रविन्द्र परिहार, भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष कृष्णा यादव, भाजपा जिला मंत्री पवन कुशवाह, अशोक जाट, बंसी जाट, राहुल सेन मांडव

वहीं कांग्रेस के मंच पर विधायक पांचीलाल मेड़ा कांग्रेस के युवा नेता रेवती रमण गुरु राजूखेड़ी, पूर्व कांग्रेस नगर अध्यक्ष अशोक परमार, कांग्रेस नगर अध्यक्ष संदीप लीलर, मनोज ग्वाल, कांग्रेस नगर महासचिव बंटी पाल और प्रशासनिक मंच पर चतुर्भुज श्री राम मंदिर मांडू महामंडलेश्वर डॉक्टर नरसिंह दास जी महाराज, धार कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन, धार पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, धार महू सांसद छतरसिंह दरबार, पूर्व विधायक कालू सिंह ठाकुर, नायब तहसीलदार सुरेश नागर, मांडू नगर पंचायत अधिकारी सुशील ठाकुर, घनश्याम गोरासिया सादिक खान आदि उपस्थित रहे।

वही महामंडलेश्वर डॉक्टर नरसिंह दास जी महाराज का स्वागत धार कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन द्वारा किया गया एवं धार कलेक्टर का स्वागत पूर्व विधायक कालू सिंह ठाकुर द्वारा किया गया वही किलकारीयों और ढोल मादल और बांसुरी की आवाज से गूंज उठा मांडू।

वही कोरोना काल के बाद विदेशी मेहमानों पहुंचे मांडू भगोरिया में आए पर्यटक और ग्रामीण जनों ने विदेशी पर्यटकों के साथ फोटो व सेल्फी लिए वहीं विदेशी पर्यटक मादल की थाप पर झूमती नजर आई।

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