निमाड़-मालवा क्षेत्र के वीर क्रांतिकारी शहीद भीमा नायक के शहीदी दिवस पर बेड़िया में कार्यक्रम आयोजित हुआ
बडवाह (विशाल कुमरावत) - महान क्रांतिवीर शहीद भीमा नायक ने आजीवन अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी और देश की आजादी के संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दे दी। भीमा नायक के संघर्ष और शहादत को राष्ट्र कभी भुला नहीं सकेगा। ये विचार विधायक सचिन बिरला ने निमाड़-मालवा क्षेत्र के वीर क्रांतिकारी शहीद भीमा नायक के शहीदी दिवस पर बुधवार को व्यक्त किए। इस अवसर पर विधायक बिरला ने निहाल आदिवासी समाज के सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु 5 लाख रु प्रदान करने की घोषणा की। बिरला ने भीमा नायक की शहादत का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि उनके शौर्य से अंग्रेज खौफ खाते थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित निहाल आदिवासी समाज के प्रदेशाध्यक्ष घनश्यामसिंह सोलंकी ने कहा कि वीर क्रांतिकारी शहीद भीमा नायक का जन्म एक साधारण निहाल आदिवासी परिवार में हुआ था। भीमा नायक तत्कालीन बड़वानी रियासत के ढाबा बाबली के निवासी थे। वीर क्रांतिकारी भीमा नायक अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और पराक्रम से अंग्रेजी साम्राज्य को सन 1840 से 1864 तक लगातार चुनौती देते रहे। भीमा नायक अंग्रेजी तोपों और बंदूकों का बड़ी वीरता के साथ मुकाबला करते रहे। 29 दिसंबर 1876 को अंग्रेज सेना से संघर्ष में भीमा नायक शहीद हो गए।समाज के सचिव हवशीलालजी,युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष जयराम निहाल,तहसील अध्यक्ष सुनील सोलंकी,खंडवा जिलाध्यक्ष कैलाश रघुवंशी,हरदा जिलाध्यक्ष मेवाराम बघेला, बैतूल के नवलकिशोर वाघमारे ने भी प्रेरक विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम के पहले निहाल आदिवासी समाज संगठन ने विशाल रैली का आयोजन भी किया। रैली में बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे। इस दौरान पूर्व सरपंच प्रतिनिधि सुरेश सोलंकी,पूर्व जनपद सदस्य दिलीप पटेल,भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्रसिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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