ऐश्वर्य ओर मालदार व्यक्ति ताकतवर व्यक्ति को कभी अभिमान नही करना चाहिए - आचार्य रामभूषण दास महाराज | Aishvary or maldar vyakti takatvar vyakti ko kabhi abhiman nhi karna chahiye

ऐश्वर्य ओर मालदार व्यक्ति ताकतवर व्यक्ति को कभी अभिमान नही करना चाहिए - आचार्य रामभूषण दास महाराज

ऐश्वर्य ओर मालदार व्यक्ति ताकतवर व्यक्ति को कभी अभिमान नही करना चाहिए - आचार्य रामभूषण दास महाराज

भिंड (मधुर कटारे) - श्री मद भागवत सप्ताह ज्ञान कथा में आचार्य श्री श्री 1008 रामभूषण दास महाराज खनेता जी के द्वारा कथा का तृतीय अध्याय का वर्णन किया गया ,कथा में भगवान कृष्ण ने एक बार अपनी धर्म पत्नी रुकमणि जी के सौंदर्य का जो अहंकार था उसको भी तोड़ दिया कथा में बताया भगवान कृष्ण के समीप एक बार रुक्मणि जी बैठी थी तभी एक राजा ने  आकर उनको भगवान की दासी का नाम दे दिया जिसको सुनकर रुक्मणी जी स्वयं आस्चर्य चकित हो गई ,में तीनों लॉक में ऐश्वर्य से भरी हुई हूँ और काफी सुंदर हूँ ,इसी कारण भगवान स्वयं मुझे मिले है ,इसी अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान ने ऐसी लीला का वर्णन किया,श्री रामभूषण दास महाराज ने कहा भगवान ने गीता में उपदेश दिया है ,ब्यक्ति को कभी भी सौन्दर्य ,ऐश्वर्य ताक़त ,खजाने माल पर अभिमान नही करना चाहिए ना ही किसी ब्यक्ति का अपमान करना चाहिए ,ऐसे ब्यक्ति जो भगवान का भजन नही करते भगवान के दिये हुए ऐश्वर्य ,माल आन बान शान का सही इस्तेमाल नही करते है तो उनको इसका पाप भोगना पड़ेगा , महाराज जी ने कहा कभी सूती कपड़े पर बैठकर ॐ नाम के जाप का उच्चारण नही करना चाहिए ऐसा करने से ब्यक्ति के घर मे दरिद्रता आती है ,ॐ नाम का जाप नाही चलते हुए करना चाहिए ,ॐ भगवान के नाम का जाप मनुष्य को दाव के आसन पर बैठकर करना चाहिए , महाराज जी ने व्यास गददी से कहा आज भी हम महिलाओ पर अत्याचार कर रहे है उनका शोषण कर रहे है जब की यह सब करने से भगवान हमसे गुस्सा होता है भगवान हमारी नही सुनता है और हम इस्वर से माँगते है पर हमारा कल्याण नही होता है ,देव लॉक में अगर बात करो तो नारी का सम्मान सर्व अधिक प्रथम स्थान पर दिया गया है ,शेर पर सवार माँ दुर्गा जिन्होंने बता दिया की कितना बड़ा भी शेर क्यो न हो पर नारी के सामने बह भी कमजोर हो जाता है ,भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ,जिस घर मे नारी का सम्मान नही उस घर मे भगवान निवास नही करते है ,भगवान की कृपया ओर भगवान की प्राप्ति के लिए मनुष्य को हमेशा साधु के आभूषण का प्रयोग करना चाहिए ,साधु के आभूषणों को ग्रहण करने से ही मनुष्य सदमार्ग ईस्वर भक्ति की शरण मे जा सकता है ,साधु के आभूषण ,सहज सरल स्वभाव, दयालु ,माया मोह का त्याग करना चाहिए।

ऐश्वर्य ओर मालदार व्यक्ति ताकतवर व्यक्ति को कभी अभिमान नही करना चाहिए - आचार्य रामभूषण दास महाराज

किसी से कोई भाव नही रखना चाहिए तब हम ईस्वर को प्राप्त कर सकते है ,माया ऐश्वर्य,किसी के साथ म्रत्यु के बाद नही जाते बल्कि ब्यक्ति के साथ उसके द्वारा किये गए पूण्य जाते है भजन कीर्तन जाते है अच्छा व्योहार जाता है ,महाराज जी ने भगवत गीता का श्लोक पड़ते हुए बताया ,भगवान ने रावण को बहुत ताकत दी दस सिर 20 भुजा सोने की लंका जिसके पास एक पाटी से कॉल ओर इंद्र देव कुवैर, जैसे शाली बंधे थे ,लेकिन रामायण में भगवान राम ने अवतार लेकर ऐसे अहंकारी ओर उताताई रावण को भी म्रत्यु लॉक में भेज दिया और हनुमान जी के तप से सोने की लंका जलाकर खाक कर दी ,इसी प्रकार महाराज ने राजा दक्ष ओर माँ सती की कहानी सुनाकर माताओ के हिर्दय में भगवान की आस्था और पति पत्नी के दाम्पत्य जीवन को कलह से दूर कर भजन कीर्तन साथ करने की मन प्रीत लो जल उठी ,

भजन की सुंदर प्रस्तुति देकर सभी श्रोताओं को गदगद कर दिया ,

गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है श्री वाके विहारी नंद लाल मेरो है,

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