रूस से डॉक्टर बनकर लौटा किसान का बेटा अमझेरा अस्पताल में देगा सेवा
दसाई गाँव मे जन्म 24 वर्ष की उम्र में बना एमबीएस
दसाई - रूस से डॉक्टर की डिग्री लेने के बाद लोटा गाँव का बेटा अब गाँव मे मरीजों को अपनी सेवायें देगा। धार जिले के सरदापुर विकासखण्ड में गाँव दसाई के निवासी कृषक व सेवा निवृत शिक्षक कैलाशचंद्र मारू का 25 वर्षीय बेटा डा विकास मारू अब अपने गृह क्षेत्र के समीप गाँव अमझेरा के राजा बख्ताबर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सेवाये देगा।मात्र 24 वर्ष की उम्र में एमबीबीएस एमडी की डिग्री ग्रहण करने वाला सम्भवतः जिले का पहला युवा है।
सघर्ष ओर अपनी कड़ी मेहनत से डा मारू को छोटी उम्र मे सफलता मिली है , गत दिनों डॉक्टर विकास मारू का आदेश अमझेरा अस्पताल के लिए हुआ जहाँ पर विधिवत ज्वाइन कर सेवायें देना शुरू कर दी हैं। अमझेरा अस्पताल में डॉक्टर का पद कई दिनों से रिक्त है जिसके चलते डा मारू के ज्वाइन करने से नगर में हर्ष की लहर है।
" 2 साल का सफर 6 माह में मिल गई सफलता"
डा विकास मारू ने अमझेरा अस्पताल ज्वाइन करने के बाद चर्चा में बताया कि । विदेश का सफर शुरू हुआ तो रूस में पढ़ाई और वहाँ की भाषा को समझना बड़ा मुश्किल था मगर हौसले बुलंद रखे और दो साल के सफर में रशियन भाषा की रसियन ओलम्पियर्ड में द्वितीय स्थान प्राप्त कर भारत का लोहा मनवाया। 6 वर्ष का वक्त कब गुजर गया पता ही नही चला रूस से लौटने के बाद दिल्ली में ट्रेनिग शुरू हुई यहाँ पर भारत की कठिनतम मेडिकल काउंसलिंग पात्रता परीक्षा पहले वर्ष के 6 माह में 70 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण कर आल इंडिया रेंक 500 के अंदर प्राप्त की । वहीं विगत वर्ष Covid-19 की द्वितीय लहर में भोपाल में सेवायें दी ,भोपाल से सीधे जिले में पहली बार शहीद नगर में सेवा देने का मौका मिला हैं। मेरा सपना था कि गाँव मे ही सेवा देकर पिता का सपना पूरा करूंगा यह वाक्या सही साबित हुआ है ।
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