भारतीय कानूनी रुपी फूलों को सहेंजने वाला सुंदर गुलदस्ता हैं भारत का संविधान - सांसद लालवानी | Bhartiya kanooni roopi fulo ko sahenjne wala sundar guldasta hai bharat ka sanvidhan

भारतीय कानूनी रुपी फूलों को सहेंजने वाला सुंदर गुलदस्ता हैं भारत का संविधान - सांसद लालवानी 

"भारतीय संविधान के 71 साल-- समीक्षा और उपलब्धि" विषय पर वेबीनार आयोजित

इंदौर (राहुल सुखानी) - भारतीय कानून को सुंदरता से पिरोकर एक सुंदर गुलदस्ता बनाने का कार्य यदि किसी ने किया है तो वह है भारत का संविधान,  आज 26 नवंबर 2020 को संविधान 71 वर्ष का हो गया है और इस 71 वर्ष में संविधान ने विश्व की दूसरी बड़ी जनसंख्या और विभिन्न विविधताओं वाले इस देश को एक माला में पिरोने का कार्य किया है और आज विश्व के समक्ष भारत को एक विशिष्ट पहचान दी है। आज हमारा देश मजबूत होकर सामने खड़ा हुआ है तो इसके पीछे भारत का संविधान है यह कहना है इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी का जो कि कानूनी क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था न्यायाश्रय द्वारा आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि के तौर पर "भारतीय संविधान के 71 साल -- समीक्षाएं और उपलब्धियां"विषय पर बोल रहे थे। 

भारतीय कानूनी रुपी फूलों को सहेंजने वाला सुंदर गुलदस्ता हैं भारत का संविधान - सांसद लालवानी

कानूनी और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था न्यायालय द्वारा दिनांक 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें वकीलों सेवानिवृत्त न्यायाधीशों एवं कानून के विद्यार्थियों ने भाग लिया। 

भारतीय कानूनी रुपी फूलों को सहेंजने वाला सुंदर गुलदस्ता हैं भारत का संविधान - सांसद लालवानी

भारतीय संविधान विश्व का सबसे अच्छा संविधान---वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बागड़िया 

वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इंदौर के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अजय बगड़िया द्वारा कहा गया कि भारत का संविधान विश्व का अद्वितीय संविधान है जो कि भारत जैसे अद्वितीय देश के लिए पूरी तरीके से उपयुक्त है और विगत 70 सालों में संविधान द्वारा बताए गए राज्यों को दिशा निर्देश की वजह से ही आज हमारे देश में हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं राज्य सरकारों द्वारा प्रारंभ की गई है। भारत जैसे बड़े देश में जीवन स्तर एवं प्रत्याशा आयु को बढ़ाने में भारतीय संविधान का बहुत बड़ा योगदान रहा है यह सही है कि समय के अनुसार हमने संविधान में संशोधन किए हैं जिससे कि बदलती हुई परिस्थितियों में हमारा संविधान उनका मुकाबला ठीक ढंग से कर सके। भारत के संविधान का योगदान सराहनीय है और भारत में रहने वाले कमजोर वर्गों की ताकत भारत का संविधान है। हमारे संविधान नहीं समानता और स्वतंत्रता स्थापित की है, संविधान के अभाव में हमारे देश में अराजकता होती और हमारा देश कल्याणकारी राज्य की जगह पुलिस राज्य होता। 

संस्था के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता श्री राहुल सुखानी द्वारा संस्था का परिचय दिया गया एवं अध्यक्ष एडवोकेट पंकज वाधवानी द्वारा विषय परिचय किया गया, आभार प्रदर्शन संस्था के फाउंडर मेंबर अधिवक्ता अभिषेक भार्गव द्वारा व्यक्त किया गया। इसके पूर्व अनेक प्रतिभागियों अधिवक्ता विजय पाहुजा, राहुल जोशी नितिन उदासी द्वारा अतिथियों से संविधान के संबंध में प्रश्न पूछे गए।वेबीनार में मुख्य रूप से स्वाति मिश्रा, महिमा मिश्रा, राहुल सिंह यादव,  सुनीता कटारा , समता वडारा , हेमा शंखवार, ऋषभ शर्मा, आलोक तिवारी नितिन उदासी अंजलि नरवरिया धनिष्ठा दवे दिव्या त्रिपाठी मोनिका ठाकुर सौरभ सोनकर सुनिशा सोनी टीना शर्मा सुरभि परमार इत्यादि अधिवक्ता गण , सेवानिवृत्त न्यायाधीश गण , कानून के विद्यार्थी एवं समाज के वरिष्ठ जन शामिल होंगे। 

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