लगातार 30 सालों से नानपुर में छठ पूजा मना रहे हैं राय परिवार | Lagatar 30 salo se nanpur main chhat pooja mana rhe hai rai parivar

लगातार 30 सालों से नानपुर में छठ पूजा मना रहे हैं राय परिवार

लगातार 30 सालों से नानपुर में छठ पूजा मना रहे हैं राय परिवार

नानपुर (मांगीलाल वर्मा नानपुर) - हर साल की तरह इस साल भी नानपुर में ऊपर राय परिवार द्वारा छठ पूजा मनाया गया लगातार 30 सालों से यह बिहारी परिवार नानपुर में रह रहा है और नानपुर में रहते रहते हैं हर साल छठ पूजा बड़े उत्साह के साथ फाटा डेम में मनाते हैं।

लगातार 30 सालों से नानपुर में छठ पूजा मना रहे हैं राय परिवार

*उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का क्या महत्व है, जानिए इसके कारण*

छठ महापर्व के अंतिम दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है. मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल से छठ पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि सू्र्य को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. छठ पूजा के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. इस दिन पूरा परिवार घाट पर पहुंचता है और सूर्य देवता और छठी मैया की अराधन करता है. अर्घ्य में सूर्य देवता को जल, दूध अर्पित किया जाता है. सूर्य संपूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है. सूर्य को जल देने के कई फायदे हैं.चार दिनों तक मनाया जाने वाल छठ पूजा (Chhath puja) का आज यानी 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो जाएगा. इस साल छठ की शुरुआत 8 नवंबर को नहाय खाय के साथ हुई थी. 9 नवंबर को खरना मनाया गया था. 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया गया. छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा. वैसे तो सूर्य को अर्घ्य हरेक दिन दिया जाता है लेकिन छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है.षष्ठी तिथि के समय में डूबते सूर्य को और अगले दिन प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के कई फायदे हैं. इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है.पूजा पाठ पंडित अंतिम त्रिवेदी द्वारा हर साल कराया जाता है।

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