शांति के लिए परमात्मा की उपलब्धि तभी मिलेगी जव आप दूसरे के लिए समर्पित होंगे
*साधु संतों का सम्मान करना ही हमे सदमार्ग ओर सदा चार का मार्ग दर्शन दिखाता है*
भिंड (मधुर कटारे) - ग्राम जैतपुरा मढी रोन में कथा का दूसरा दिन कथा ब्यास देवी संध्या जी ने बताया की संसार की रचना का आंनद लेना है तो बुराई से बचो अपनो को प्यार सम्मान दुलार दो जिससे ईर्षा का पतन हो और परिवार में प्यार बढेगा, देवी संध्या जी ने कहा है भागवत कथा का ज्ञान सुनकर अपनी आत्मा में लीन करो जिससे आप अपना जीवन सुखद भरा बनाते रहो बहु सास की बुराइयों से झगड़ा बढ़ता है ,देवर भाभी की चुगली से भी विवाद बढ़ता है चुगली कोई भी हो सभी गलत है ,भागवत कथा में बताया चुगली से ही पांडव ओर कौरवो में महाभारत हुई इस लिए भागवत में कहा गया है ,हमे निंदा चुगली से सदा बचना चाहिए ,ओर साधु संतों का मान सम्मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करो राजा परीक्षत को श्राप लगा तो राजा परीक्षत भी अपनी मुक्ति के लिए भगवान की शरण मे जाकर भजन करने लगे थे ,लेकिन कलयुग किसी को भी नही छोड़ेगा ,कलयुग केवल नाम अधारा सुमरि सुमरि ,उतरे न पारा कलयुग केवल नाम अधारा ,देवी संध्या जी ने बताया भागवत कथा के 12 स्कंध होते है और बारह स्कन्ध भगवान के स्वरूप की अद्भुत रचना है।
भागवत के बिना भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त नही सकता ,इस लिए कहा गया है भागवत भारत का भूषण है ,
भागवत में प्रथम ओर द्वितीय स्कंद भगवान के चरण है ,तृतीय ओर चतुर्थ स्कन्द भगवान की जंघा है पंचम छठम स्कंद भगवान की नाभि है ,सप्तम ओर अष्टम नवम भगवान का कण्ठ है ,
दसम ग्यारह स्कन्द भगवान का सुंदर मुखड़ा है ,बारह स्कन्द भगवान स्वयं विराज मान है प्रभु की लीला अपरम्पार है ,देवी संध्या जी ने पांडवो की कहानी बताई और भगवान कृष्ण की लीला का वर्णन किया द्रोपती ओर गोविंद की विस्तार से लीला बताई भगवान कृष्ण ने द्रोपती की चीर हरण के समय जो रक्षा की आज भी भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए स्वयं प्रकट हो जाता है । अपने जीवन मे जिस ब्यक्ति ने में को स्थान दे दिया उसका पतन भी बहुत जल्दी हो जाता है ।इस लिए अहम ओर अहंकार न करो न ही अहंकार को जन्म दो सफलता मिलती रहेगी प्रभु हमेसा हर ब्यक्ति के साथ है और उसके कार्य को देखता भी है ,उसी के कार्य का फल मनुष्य को ईस्वर देता है ,
सुंदर सुंदर भजन की प्रस्तुति देकर देवी संध्या जी ने पंडाल को बृन्दाबन बना दिया ।
*आजतक 24 अखबार से जुड़ने के लिए सम्पर्क करे +91 91792 42770*