नल जल योजना के लिए जनसहयोग राशि एकत्र करने में महिलाएं आगे आई | Nal jal yojna ke liye jansahyog rashi ekatr karne main mahilaye

नल जल योजना के लिए जनसहयोग राशि एकत्र करने में महिलाएं आगे आई

नल जल योजना के लिए जनसहयोग राशि एकत्र करने में महिलाएं आगे आई

रतलाम - अपने गांव की जल समस्या निराकरण के लिए निर्माणाधीन नल-जल योजना कार्य से पिंडवासा के ग्रामीणजन प्रसन्न है। योजना कार्य की पूर्णता पश्चात इसके संचालन तथा संधारण के लिए जनसहयोग राशि एकत्र की जा रही है राशि एकत्रीकरण में गांव की महिलाएं आगे आई हैं। अब तक 9000 रुपए राशि पिंडवासा की महिलाओं ने एकत्र कर ली है।  विकासखंड जावरा के ग्राम पिंडवाड़ा में नल जल योजना का कार्य जल जीवन मिशन के तहत प्रगतिरत है। ग्रामसभा में ग्रामीणों की सहभागिता तथा जनहयोग राशि के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों की उपस्थिति में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की सहायक यंत्री श्रीमती प्रियंशा दुबे ने ग्रामीणों से कहा कि योजना निर्माण के उपरांत इस के सुचारु संचालन एवं संधारण के लिए एक मजबूत जल एवं स्वच्छता समिति का होना अत्यंत आवश्यक है। योजना के सुचारू रूप से संचालन संधारण के लिए जनसहयोग की राशि समिति के खाते में जमा होनी चाहिए ताकि भविष्य में योजना को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके। इस बात से प्रभावित होकर गांव की जागरूक महिलाएं तथा ग्रामीणजन जनभागीदारी राशि देने के लिए आगे आए। महिला दुर्गाबाई नंदाजी ने 1500 रूपए देते हुए कहा कि इस योजना से हम सभी महिलाओं को बहुत लाभ होगा एवं रोज दूर-दूर से पानी लाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। साथ ही हम सभी महिलाएं जनभागीदारी राशि देने के लिए भी प्रेरित करेंगी। हाथो हाथ 9000 रूपए की राशि एकत्र हो गई। उपयंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि जल जीवन मिशन अंतर्गत हर घर नल से जल के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 93 लाख रुपए की नल जल योजना का कार्य ग्राम पिंडवासा में चल रहा है। गांव की जनसंख्या लगभग 1200 है एवं कुल घरों की संख्या 370 है। योजना में 75 किलो लीटर क्षमता की उच्चस्तरीय टंकी 20000 लीटर क्षमता का संपवेल बनेगा तथा 400 मीटर पाइप लाइन बिछाई जाएगी। ग्राम पंचायत के प्रधान श्री रमेश माली तथा ग्राम पंचायत के सचिव श्री संजय मालवीय ने बताया कि पिंडवासा में वर्तमान में पीने के पानी की बड़ी समस्याएं, पेयजल के लिए हैंडपंप तथा कुए पर निर्भर हैं। गर्मी में अधिकतर जल स्त्रोत बंद हो जाते हैं, महिलाओं को दूर से पानी लाना पड़ता है।

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