नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों को मिलेगा धारणाधिकार
सीधी - नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भू-खण्डों के ऐसे कब्जाधारियों को, जो उनके कब्जे में दिनांक 31 दिसम्बर 2014 या उसके पूर्व निर्विवाद रूप से रहे हैं और वर्तमान में भी उनके कब्जे में चले आ रहे हैं, चिन्हांकित कर निर्धारित भू-भाटक एवं अन्य शुल्क जमा कर उनके कब्जे के भूखण्डों के 30 वर्षीय स्थायी पट्टे जारी किए जायेंगें। उक्त के संबंध में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि यह शासन की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्र हितग्राहियों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कराकर उसका समय-सीमा में निराकरण करें। कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे। कलेक्टर ने जॉच दलों को एक साथ मौके का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके पूर्व अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली द्वारा पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझाया गया। उन्होने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। प्रत्येक आवेदित भू-खण्ड के कब्जे का मिलान 30 दिसम्बर 2014 के सेटेलाईट नक्शे के आधार पर किया जायेगा। उन्होने बताया कि शासकीय परियोजना हेतु अथवा शासकीय प्रयोजन के लिए आरक्षित भू-खण्ड पर तथा नगरीय निकाय में प्रभावशील विकास योजना में उल्लेखित भूमि उपयोग भिन्न होने पर पट्टे प्रदाय नहीं किये जायेगें। इसके साथ ही नदीं, नाला या जल संग्रहण क्षेत्र के रूप में दर्ज, संहिता की धारा 233 क के अधीन आरक्षित, किसी धार्मिक संस्था या माफी औफाक से संबंधित, नगरीय क्षेत्रों में पार्कों, खेल के मैदानों, सड़कों, गलियों या किसी अन्य सामुदायिक उपयोग की हो राजस्व वनभूमि (छोटे बड़े झाड़ का जंगल) के रूप में दर्ज हो या किसी न्यायालय में विचाराधीन होने पर पट्टे नहीं दिये जायेगें।
बैठक में सभी नगरीय निकायों के अधिकारी तथा संबंधित राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी उपस्थित रहें।