महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडन को रोकने के लिये उनसे संबंधित कानुनों को जन-जन तक पहंचाने की जरूरत है - श्री एनपी.सिंह | Mahilao evam bachcho ke utpidan ko rokne ke liye usne sambandhit kanoono ko jan jan tak pahuchane

महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडन को रोकने के लिये उनसे संबंधित कानुनों को जन-जन तक पहंचाने की जरूरत है - श्री एनपी.सिंह

*महिलाओं एवं वृच्चों के प्रति बढते अपराघों को रोकने के लिये जिला स्तरीय एक दिवसीय स्टेक*

*होल्लर संवाद प्रशिक्षण कार्यकम संपन्न*

महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडन को रोकने के लिये उनसे संबंधित कानुनों को जन-जन तक पहंचाने की जरूरत है - श्री एनपी.सिंह

उज्जैन (रोशन पंकज) - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन तथा बुनियाद स्वंय सेवी  संस्था उप्जैन के संयुक्त तत्वाधान में मध्यरथता केंद्र उ्जैन में जिला स्तरीय एक दिवसीय स्टेक होल्डर संवाद प्रशिक्षण कार्यकम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यकम की शुरुआत माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री एन.पी. सिंह के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यर्पण कर, दीप प्रज्जवलित कर की गई। उक्त कार्यकम में प्रधान जिला न्यायाधीश श्री एन.पी. सिंह के द्वारा बताया गया कि महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडन को रोकने के लिये उनसे संबंधित कानुनों को जन-जन तक पहुंचाने की जरुरत है वर्तमान समय में इस संबंघ में पर्याप्त कानूनी प्रावधान है किंतु आम जनता को उसकी जानकारी न होने से उसका फायदा प्राप्त नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वयं सेवी संस्थायें मीडिया एवं विभिन्न शासकीय विभाग इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। कॉलेजों एवं स्कुलों में शिविर आयोजित कर "बेड टच एवं गुड टच" को बताया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा की महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को। रोकने के लिये पुलिस को ऐसे मामलों में तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना चाहिए अन्यथा दशा में सामाजिक, परिवारिक एवं अन्य प्रकार के दबाव आ जाने के कारण उन पर कार्यवाही नहीं हो पाती है। महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा को रोकने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रारंभिक स्तर से लेकर मुकदमें के विचारण एवं उसके अंतिम निराकरण तथा आवश्यकता पडने पर उसके पश्चात भी हर संभव मदद करने के लिये तैयार है। बलात्कार एवं बालकों के लैगिक उत्पीडन के मामलों में उनके पूर्नवास हेत् पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अतंर्गत प्रतिकर भी दिलाया जा रहा है।

महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीडन को रोकने के लिये उनसे संबंधित कानुनों को जन-जन तक पहंचाने की जरूरत है - श्री एनपी.सिंह

इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव जिला न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार जैन के द्वारा महिलाओं एवं बालकों के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुये बताया कि इसकी रोकथाम हेतु जन सामान्य में जागरुकता लाये जाने की आवश्यकता है मात्र कानूनी प्रावधानों से इस समस्या का हल नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में सभी के समन्चित प्रयासों से ही इस अंधेरे को दूर किया जा सकता है।

कार्यक्म का संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीप मुझाल्दा के द्वारा किया गया। मान अतिथियों का स्वागत बुनियाद संस्था के सचिव श्री रईस खान के द्वारा किया गया। उक्त कार्यकम में किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति,स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, जेल विभाग, चाइल्ड लाईन, रेलवे चाइल्ड लाईन, महिला सशक्तिकरण, महिला प्रकोष्ठ, वनस्टाप सेंटर, श्रम विभाग,आजाक थाना, महिला थाना, रेलवे पुलिस लाईन और अदिम जाति कल्याण विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यकम में श्रीमती नताश शेख पटेल न्यायिक

मजिस्ट्ेट बाल न्यायालय, साईबर काइम से श्री दिलीप सिंह मौर्य थाना प्रभारी, महिला बाल विकास से श्री साबिर अहमद सिदद्धकी, श्रम विभाग से श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर इंस्पेक्टर, सामजिक कार्यकर्ता श्रीमती वर्षा व्यास, सुश्री प्रांजली आदि के द्वारा उपस्थित

प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यकम के अंत में बुनियाद संस्था के सचिव श्री रईस खान के द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

(अरविंद कुमार जैन)

जिला न्यायाधीश /सचिव,

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,

उज्जैन

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