बेंट टापु बिल्वामृतेश्वर महादेव को जलाभिषेक कर शुरू हुई कांवड़ यात्रा
इतिहासिक, धार्मीक,पोराणिक व सांस्कृतिक नगरी धरमपुरी में बेंट टापु बिल्वामृतेश्वर महादेव को जलाभिषेक कर शुरू हुई कांवड़ यात्रा - “विधायक पांचीलाल मेडा”
धरमपुरी (गौतम केवट) - पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से निकले विष को पी लेने के कारण भगवान शिव का कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। श्रावण मास में भगवान शिव के भक्त कांवड़ लाते हैं और भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं। कांवड़ यात्रा को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और शुभ माना गया है।
विधायक पांचीलाल मेडा के नेतृत्व में नर्मदा तट से जल भर के जागीरदार महादेव का जल अभिषेक व पूजा अचर्ना कर कावड़ यात्रा का शुभ अरम्भ किया । सावन के चौथे सोमवार को श्रद्वालुओ ने कांवड़ यात्रा में लिया हिस्सा धूमधाम से निकाली गई कावड़ यात्रा। इस दौरान महिलाओं और पुरुषों ने कावड यात्रीयो का किया स्वागत । प्राचीन शिवालय पर जल अभिषेक व पूजा अर्चना कर सभी भक्तो ने कोरोना गाइडलाईन का पालन किया व विशाल कावड़ यात्रियों का रास्ते में जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। सभी कांवड़िए बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। जगह जगह रहवासियों ने कांवड़ यात्रियों की आरती उतार कर भव्य स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने यात्रियों को खीर, दूध, चाय व फल भी दिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कावड़ यात्रियों को फल वितरित कर स्वागत किया। कावड़ यात्रियों ने गाव गाव के प्राचीन महादेव मंदिर पर पूजा-अर्चना जल से भोलेनाथ का जल अभिषेक किया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य कोरोना महामारी से सभी नगरवासी व देशवासीयो को संकट से बचाने व आत्मनिर्भर होने के लिए यात्रा का आयोजन किया गया था ।