उप निरीक्षक की पत्नी को बैठने के लिए सही जगह नहीं मिली तो भरी बस को ले गए थाने | Up nirikshak ki patni ko bethne ke liye sahi jagah nhi mili

उप निरीक्षक की पत्नी को बैठने के लिए सही जगह नहीं मिली तो भरी बस को ले गए थाने

यात्री हुए परेशान एसडीओपी को एक यूपी ने हस्तक्षेप कर मामला शांत किया

उप निरीक्षक की पत्नी को बैठने के लिए सही जगह नहीं मिली तो भरी बस को ले गए थाने

धामनोद (मुकेश सोडानी) - महेश्वर चौराहे पर सानू थाने पर पदस्थ उप निरीक्षक सुशील यदुवंशी अपनी पत्नी को बस में बैठाने के लिए पहुंचे सिद्धिविनायक ग्रुप की मंडलेश्वर से इंदौर जा रही बस में उन्होंने अपनी पत्नी को बिठाया इन दिनों रक्षाबंधन की बसों में भीड़ चल रही है इसी के चलते कंडक्टर ने पाटीदार ने सहायक उप निरीक्षक की पत्नी को पुरुष सीट पर बिठा दिया नाराज होकर उप निरीक्षक यदुवंशी ने कंडक्टर को महिला सीट पर पर पत्नी को बिठाने की बात कही जिस पर कंडक्टर ने बताया कि साहब अभी कुछ ही देर बाद जैसे ही जगह बनती है महिला सीट पर बैठा देंगे बस यही नहीं यही सुनते ही वर्दी का रोग यदुवंशी के सर पर चढ़ गया उन्होंने बड़ी बस में जमकर कंडक्टर के साथ गाली-गलौज कि अब कंडक्टर ने जब गाली गलौज का विरोध किया तो बस में चढ़कर कलर पकड़कर नीचे उतार दिया तो यदुवंशी ने कनेक्टर को बस में चढ़कर कॉलर पकड़कर नीचे उतार दिया।

सवारी सहित बस को ले गए थाने यात्री होते रहे परेशान

वर्दी का रोग यहीं खत्म नहीं हुआ वह सवारी सहित भरी बस को सानू थाने पर ले गए वहां करीब 1 घंटे तक यात्री परेशान होते रहे परेशान यात्रियों ने जमकर पुलिस प्रशासन को कोसा इसी बीच खबर लगते ही धामनोद के सिद्धिविनायक ग्रुप के संचालक एवं अन्य व संचालक भी थाने पहुंचे एवं इस तरह से पुलिसकर्मी के द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की जमकर आलोचना की दोनों पक्ष एक दूसरे पर प्रकरण दर्ज कराने की मांग करते रहे।

मौके पर पहुंचे एसडीओपी मामला शांत करवाया

तनु थाना प्रभारी रविवार धार में थे इसी के चलते मामला तूल पकड़ते देख एसडीओपी आओ सुशील यदुवंशी और बस संचालकों का आपसी मामला निपटाने के लिए एसडीओपी राहुल खरे थाने पर पहुंचे उन्होंने आपसी मामला दोनों का आपसी मामला शांत करवाया इधर कहासुनी में करीब 1 घंटा बस खड़ी रही लोगों ने इस तरह से भरी बस थाने पर ले जाने का विरोध किया उन्होंने बस में बैठे बच्चे एवं महिला घंटों परेशान होते नजर आए उन्होंने बताया महिला मौजूद महिलाओं ने बताया कि इस तरह से बस में तो थाने ले जाने का क्या औचित्य था जबकि किसी प्रकार की कोई बस संचालक बस चालक द्वारा दुर्घटना भी नहीं हुई थी सिर्फ वर्दी का रौब दिखाने के लिए बस को थाने तक ले जाया गया सभी यात्रियों ने गलत ठहराया।

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