नागदा श्रीसंघ के आंगणिया, पधारे गुरूवर पामणिया | Nagda shrisangh ke angdiya padhare guruwar pamniya

नागदा श्रीसंघ के आंगणिया, पधारे गुरूवर पामणिया

नगर में हुआ चातुर्मासिक भव्य मंगल प्रवेश

नागदा श्रीसंघ के आंगणिया, पधारे गुरूवर पामणिया

नागदा - श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ नागदा जं. के तत्वावधान में वर्ष 2021 में होने वाले चातुर्मास के अंतर्गत प.पू. श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरिश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न एवं प.पू. श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्र सूरिश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ति मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. एवं मुनिश्री जिनभद्रविजयजी म.सा. का मंगल प्रवेश चंबल सागर मार्ग स्थित पुरानी नगर पालिका से रविवार को प्रातः 9 बजे प्रारम्भ हुआ, जिसकी अगवानी श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ एवं आत्मोद्धारक चातुर्मास समिति 2021 के सदस्यो द्वारा की गई।

नागदा श्रीसंघ के आंगणिया, पधारे गुरूवर पामणिया

सर्वप्रथम बैण्ड की धुन पर हाथ में मंगल कलश लिये महिलाओं ने मुनिश्री की भव्य सामैयापूर्वक अगवानी की। जिसका लाभ सरदारमलजी विमलचंदजी नागदा परिवार ने लिया। जुलूस भव्य वरघोड़े के रूप में महात्मा गांधी मार्ग स्थित चन्द्रप्रभु राजेन्द्रसूरि जैन मन्दिर होते हुए जवाहर मार्ग, शांतिनाथ जिनालय, रामसहाय मार्ग, सुभाष मार्ग, होते हुए स्थानीय कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण में भव्य धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुआ। जहां पर मुनिश्री को चांवल से बदाने का लाभ ऋषभजी सुभाषजी नागदा परिवार एवं प्रथम गवली करने का लाभ कमलेशजी दर्शनजी नागदा परिवार ने लिया। मंगल प्रवेश की पूर्व संध्या पर आयोजित महिला सांझी गीत एवं मेहन्दी का कार्यक्रम पार्श्वप्रधान पाठशाला भवन में रखा गया जिसका लाभ प्रमोदकुमार सुनीलकुमार कोठारी परिवार द्वारा लिया गया।

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धर्मसभा का हुआ आयोजन -

स्थानीय कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण में प्रातः 11 बजे प्रारम्भ हुई धर्मसभा में सर्वप्रथम मोहनखेड़ा तीर्थ से पधारे संगीतकार देवेश जैन ने संगीतमय गुरूवन्दन श्रीसंघ की गरिमामय उपस्थिति में किया गया। उसके पश्चात् मोहनखेड़ा तीर्थ पेढ़ी ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, श्री राजहर्ष हेमेन्द्र ट्रस्ट नाकोड़ा के महामंत्री रमेशजी हरण, श्रीसंघ अध्यक्ष हेमन्तजी कांकरिया, श्रीसंघ संरक्षक भंवरलालजी बोहरा, श्रीसंघ सचिव मनीष सालेचा व्होरा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष रितेश नागदा, चातुर्मास समिति सचिव राजेश गेलड़ा, चातुर्मास संयोजक सुनील कोठारी एवं बाहर के श्रीसंघो से पधारे अध्यक्षगण ने भगवान एवं गुरूदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम सम्पन्न किया। स्वागत उद्बोधन देते हुए श्रीसंध के पूर्व अध्यक्ष सुनील वागरेचा ने लगातार 21 वर्षो से होते आ रहे चातुर्मास के आयोजनो के इतिहास पर प्रकाश डाला। स्वागत गीत श्रीमती रेखादेवी शाह(मुम्बई) ने प्रस्तुत किया। मुनिश्री की अगवानी करते हुए स्थानीय नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर एवं अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी ने सभी समाजजनो को चातुर्मास में कोरोना गाइडलाईन का  पालन करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद श्री अनिल फिरोजिया जी, विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, पूर्व विधायक दिलीपिंसह शेखावत, लालसिंह राणावत, सुल्तानसिंह शेखावत, गोपाल यादव, विजय पोरवाल, प्रकाश जैन आदि नेतागण मौजूद थे। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन आत्मोद्धारक चातुर्मास समिति उपाध्यक्ष सोनव वागरेचा ने किया । आभार श्रीसंघ कोषाध्यक्ष हर्षित नागदा व चातुर्मास समिति कोषाध्यक्ष निलेश चौधरी ने माना।

धर्मसभा के पश्चात् मुर्तिपूजक श्रीसंघ के स्वामीवात्सल्य का आयोजन भी किया गया एवं मंगल प्रवेश के पूर्व आयोजित नवकारसी का लाभ निलेश चौधरी मित्र मण्डल द्वारा लिया गया।

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आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का मार्ग है सिद्धितप-

सिद्धितप से तन की शुद्धि, मन की विशुद्धि एवं आत्मा की समृद्धि बढ़ती है तथा यही सिद्धि तप का मार्ग हमें आत्मा को परमात्मा से जुड़ने के लिये अग्रसर करता है। उक्त संदेश देते हुए मुनिराज चन्द्रयशविजयजी म.सा. ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए चातुर्मास में होने वाले विभिन्न तप, आराधनाओं, धार्मिक अनुष्ठानों, महापुजन आदि के महत्व को समझाते हुए समाजजनो से अधिक से अधिक धर्मआराधनाओं मे जुड़ने की प्रेरणा दी।

कई महानगरों के गुरूभक्त थे मौजूद -

जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा, यश गेलड़ा एवं सौरभ नागदा ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रवेश की पूर्व संध्या से ही नगर में गुरूभक्तों का आगमन शुरू हो चुका था। मुम्बई, भिवण्डी, चैन्नई, विजयवाड़ा, भिनमाल, राजगढ़, रतलाम, जावरा, इन्दौर, बिरमावल, खाचरौद, बदनावर आदि कई शहरो से गुरूभक्त सैकड़ो की तादाद में मुनिश्री की अगवानी करने हेतु पहुंचे। कार्यक्रम में मुनिश्री को काम्बली ओढ़ाने का लाभ मन्नालालजी सुभाषजी नागदा परिवार, चातुर्मासिक कलश स्थापना का लाभ रेखादेवी कांतिलालजी शाह(मुम्बई), चातुर्मासिक अखण्ड दीपक का लाभ प्रकाशदेवी नाथुलालजी संघवी परिवार (रतलाम) एवं आचार्यश्री के पट पर गुरूपुजा करने का लाभ सुरेशजी कबदी परिवार(विजयवाड़ा) द्वारा लिया गया।

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