प्रकृति को संवारना आज की जरूरत | Prakrati ko savarna aaj ki jarurat

प्रकृति को संवारना आज की जरूरत

प्रकृति को संवारना आज की जरूरत

दसई (कैलाश पटेल) - पर्यावरण प्रदूषण और प्रकृति के दोहन की सजा आज पुरी दुनिया भुगत रही है। जिस गति से जंगलों का सफाया हुआ है उतनी ही तेजी से मानव जीवन में परेशानियां भी बढ़ी है। इसलिए आज जरूरत वृक्षों के संरक्षण की है। हालातों को देखते हुए सघन वृक्षारोपण समय की मांग है। परिस्थितियों की नागरिकता को समझते हुए क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हरियाली लाने के प्रयास जारी है।

प्रकृति को संवारना आज की जरूरत

मुक्ति धाम सेवा समिति द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा काम किया जा रहा है। पिछले 4 दिनों से परिसर में वृक्षारोपण जारी है। शुक्रवार को दसई के 21 सामाजिक संगठनों के प्रमुखों ने अपनी सहभागिता की और केसर आम के पौधे रोपे। चौकी प्रभारी प्रशांत पाल ने पौधारोपण हुए कहा कि वृक्षारोपण के साथ ही उनका संरक्षण भी जरूरी है। आज जिस स्तर से समिति प्रयास कर रही है उससे आने वाले कुछ ही समय में क्षेत्र हरा भरा हो जाएगा। मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नरेंद्र मिश्रा ने वृक्षों को सांसो की तरह जरूरी बताया और उनके उचित रख रखाव की बात कही। डा. मिश्रा ने कहा कि धरती के अनमोल उपहारों में से एक वृक्ष अगर सुरक्षित रहेंगे तो मानव जीवन भी सहज होगा

समिति द्वारा चलाया जा रहा अभियान न केवल वृक्षों की महत्ता बल्कि अनमोल मानव जीवन की उपयोगिता समझने के लिए भी है। आने वाले समय में समिति द्वारा नगर के अन्य स्थलों पर भी हरियाली लाने के प्रयास किए जाएंगे।

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