पीड़ित किसानों की परिवार की महिलाओं ने मंडी को घेरा | Pidit kisano ki parivar ki mahilao ne mandi ko ghera

पीड़ित किसानों की परिवार की महिलाओं ने मंडी को घेरा

प्रशासन को खबर तक नहीं किसानों की तय रूपरेखा थी

भगोड़े चारों व्यापारियों पर इनाम रुपये 11

पीड़ित किसानों की परिवार की महिलाओं ने मंडी को घेरा

धामनोद (मुकेश सोडानी) - 108 किसानों के उलझे हुए रकम के भुगतान का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है अपनी  हड़पी रकम किसान हर हाल में वापस चाहते हैं इसी को लेकर प्रतिदिन किसानों की बैठक हो रही है सोमवार सुबह 10:00 बजे मंडी जैसे ही शुरू हुई मामले में अचानक एक नया मोड़ आ गया पीड़ित किसानों के घरों से करीब 100 से अधिक महिलाएं मंडी गेट पर आकर बैठ गई उन्होंने मंडी प्रवेश मार्ग को भी बाधित कर दिया अचानक महिलाओं को सामने मंडी प्रशासन पुलिस प्रशासन सभी हतप्रभ रह गए कोई समझ ही नहीं पाया कि यह सब क्या हो रहा है इधर पीड़ित किसान की पत्नियों एवं अन्य पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि भुगतान को लेकर हमें रोड पर उतरना पड़ा गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही किसानों ने चेतावनी दी थी कि वह टोल प्लाजा पर दो जिलों के किसानों के साथ धरना आंदोलन देंगे लेकिन वह रूपरेखा बनने के पहले ही मंडी गेट पर पीड़ित किसानों के परिवार की महिलाएं पहुंच गई वहां पर लगातार वह अपने भुगतान को लेकर प्रशासन से गुहार लगाती रही इधर भगोड़े तीनों व्यापारी का अभी तक कोई अता-पता नहीं है पुलिस भी उन्हें ढूंढ नहीं पा रही है ऐसे में मामला पेचीदा हो रहा है एकलव्य ट्रेडिंग कंपनी के मालिक को पुलिस ने आरोपी बनाया उसका भी सुराग नहीं है लगातार किसान अपनी रकम की मांग को लेकर  परेशान हो रहे हैं।

पीड़ित किसानों की परिवार की महिलाओं ने मंडी को घेरा

मंडी प्रशासन इंदौर की टीम भी जांच के लिए आई थी लेकिन अभी तक नतीजा सिफर

भुगतान को लेकर मुख्यालय इंदौर से कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक दल गठित कर दो दिन पूर्व धामनोद भेजा भेजा था आये दल ने जांच कर रिपोर्ट भी प्रस्तुत की लेकिन उपरोक्त रिपोर्ट में किसी प्रकार का  भुगतान का आश्वासन  नही मिला इससे किसान अब और आक्रोशित है किसानों ने बताया कि यदि  उपज का भुगतान नहीं मिला तो प्रतिदिन स्वरूप बदल कर आंदोलन किया जाएगा मुख्य गेट को बंद करने के बाद जमकर नारेबाजी हुई भगोड़े व्यापारियों के बैनर पोस्टर लगाकर उन पर इनाम ₹11 रखा गया

पुलिस प्रशासन मौके पर

स्थिति देख मौके पर पुलिस बल पहुंचा उन्होंने स्थिति संभालने के लिए अन्य पुलिसकर्मियों को भी बुलाया लेकिन मामला महिलाओं से जुड़ा होने के कारण पर्याप्त महिला बल नहीं था ऐसे में किसानों के परिवार की महिलाएं आंदोलन करती रही हाथ में बैनर  तख्ती लिए वह प्रशासन से किसानों के भुगतान की ही  बात कर रही थी  वहां पर मंडी प्रशासन और पकोड़े व्यापारियों के नाम को लेकर जमकर नारेबाजी भी हुई  

जांच में यदि आरोपी एकलव्य ट्रेडिंग कंपनी को बना दिया तो फिर भुगतान क्यों नहीं

पुलिस ने पहले तीन भगोड़े बाप बेटे व्यापारी सतीश   कांसल पुत्र गोविंदा गोपाला  कांसल  को  भी आरोपी बनाया फिर जांच शुरू की जांच में पाया गया कि एकलव्य ट्रेडिंग कंपनी भी दोषी है अब यदि संबंधित फर्म उपरोक्त मामले में दोषी पाई गई तो फिर भुगतान को लेकर आखिरकार संशय क्यों बना हुआ है प्रशासन किसानों की राशि क्यो नही दिलवा पा रहा है यह मामला प्रतिदिन पेचीदा हो जा रहा है किसानों ने पूर्व में सभी जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगाई लेकिन जनप्रतिनिधियों का भी पर्याप्त सहयोग नहीं मिला तो किसानों ने अपने आंदोलन की राह खुद ही संभाल ली अब मामले में प्रतिदिन नया मोड़ आ रहा है   अखिल भारतीय कृषि एवं  मजदूर संघ भी  किसानों के समर्थन में उतरा।

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