अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में पुलिस को मिली सफलता | Anshe katl ka pardafash krne main police ko mili safalta

अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में पुलिस को मिली सफलता

हत्या में प्रयुक्त हथियार सहित हत्यारे आये गिरफ्त में

अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में पुलिस को मिली सफलता

धामनोद (मुकेश सोडानी) - सोमवार 28 जून को सुबह 8 बजे समीप ग्राम शाला मे नर्मदा नदी किनारे एक युवक की लाश मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी मृतक की पहचान चिरौंदीलाल पिता मांगीलाल जगदले उम्र 40 वर्ष निवासी शाला पुनर्वास के रूप में हुई। मृतक के शरीर पर गले मुंह सिर हाथ में धारदार हथियारों से चोटों के निशान थे मृतक के दाएं हाथ का अंगूठा भी पंजे से कटा था मृतक की मोटरसाइकिल व उसका मोबाइल फोन भी गायब था  चिरौंदीलाल के भाई दुलीचंद की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध धारा 302 201 भा द वि का अपराध पंजीबद्ध  कर विवेचना में लिया। पुलिस विवेचना के दौरान पता चला कि चिरंजीलाल घटना की रात 8:30 बजे अपने दोस्त कमल सोलंकी व बबलू के साथ पार्टी कर रहा था तभी उसके मोबाइल फोन पर फोन आया। अपने दोस्तों को बताया कि दिलीप बिलवाल का फोन आया है उसने शराब पीने बुलाया है फिर वह अपनी मोटरसाइकिल लेकर चला गया। उसी समय से मृतक लापता था। मृतक के भाई दुलीचंद ने बताया कि चिरोदिलाल का शराब पकड़वाने की बात पर गांव में विवाद हुआ था साथ ही मृतक के विरुद्ध पुलिस थाने पर पूर्व में बलात्कार की रिपोर्ट भी दर्ज थी । पुलिस ने अवैध संबंध व आपसी रंजिश दोनों बिंदुओं पर विवेचना की जिसमें अज्ञात आरोपियों को पकड़ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में सफलता मिली। पुलिस अधीक्षक धार आदित्य प्रताप सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार एसडीओपी धामनोद राहुल खरे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी धामनोद राजकुमार यादव के नेतृत्व में गठित टीम में एसआई प्रकाश सरोदे प्रधान आरक्षक मनीष चौधरी आरक्षक धर्मेंद्र यादव की टीम को कार्यवाही में लगाया गया। घटना की रात आये फोन के संबंध में जानकारी लेते हुए उक्त नंबर दिलीप पिता जगन्नाथ बिलवाल निवासी बूटी नाला हाल मुकाम साला का निकला। दिलीप का बड़ा भाई दिनेश कच्ची दारू बेचने का धंधा करता था जिसकी शराब पूर्व में पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा पकड़ी गई थी। दिनेश ने शराब की मुखबिरी करने की बात को लेकर मृतक चिरौंदीलाल से विवाद किया था साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी थी। आरोपी दिनेश व दिलीप को शंका के आधार पर पकड़ कर सख्ती से पूछताछ  की गई दोनों ने पुलिस को बताया कि चिरौंदीलाल ने कई बार शराब पकड़वा कर नुकसान किया धंधा बंद करवा दिया था। इसी बात पर दोनों भाइयों ने  चिरौंदीलाल की हत्या करने की योजना बनाई और दारु पीने के बहाने दिलीप के फोन से चिरंजीलाल को फोन लगाकर नर्मदा नदी के किनारे बुलवाया और दिलीप ने चिरंजीलाल को पत्थर पर बैठाया इसी दौरान आरोपी दिनेश ने अपने घर में रखी लोहे की धारदार तलवार लेकर पीछे से चिरंजीलाल के गले पर वार कर दिया दूसरे वार के बचाव में चिरौंदीलाल ने अपना दाहिना हाथ ऊपर किया जिस पर उसके दाहिने हाथ का अंगूठा कट कर गिर गया फिर दिनेश ने सिर व मुंह पर वार किया। चिरौंदीलाल के मरने के बाद घटना किसी को ना पता चले इस मकसद से  दिनेश व दिलीप ने चिरौंदीलाल की लाश व उसके मोबाइल फोन को नर्मदा नदी में फेंक दिया। जिस तलवार से हत्या की वह तलवार आरोपी दिनेश ने अपने घर में छुपा दी और दिलीप ने जिस मोबाइल फोन से चुन्नीलाल को फोन लगाया था वह मोबाइल फोन तोड़ कर अपने घर के पीछे फेंक दिया। मृतक चिरौंदीलाल की मोटरसाइकिल लेकर दोनों आरोपी कैमरो से बचते हुए कच्चे रास्ते से साला से फूडी  होटल के पीछे आए और मोटरसाइकिल को खेत पर बने कुएं में फेंक दिया आरोपियों से मामले में प्रयुक्त सभी चीजें जप्त कर ली गई। दोनों आरोपीयों ने पुलिस को ले जाकर वह स्थान बताया जहां चिरौं चिरौंदीलाल  की हत्या की थी पुलिस ने घटनास्थल के आसपास तलाश किया तो मृतक चिरंजीलाल का दाहिने हाथ का कटा हुआ अंगूठा भी पड़ा हुआ मिला। पुलिस अधीक्षक धार  आदित्य प्रतापसिंह ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा कर आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को उचित पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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