आचार्यश्री ऋषभ चंद्रसुरीश्वर एवं साध्वीश्री रत्नात्रयाश्री म. सा. के देवलोक गमन पर गुरु गुणानुवाद सभा समायिक के रूप में की गई | Acharya shri rishabh chandr surishwar evam sadhvi shri ratnatyashri m s ke devlok gaman pr guru

आचार्यश्री ऋषभ चंद्रसुरीश्वर एवं साध्वीश्री रत्नात्रयाश्री म. सा. के देवलोक गमन पर गुरु गुणानुवाद सभा समायिक के रूप में की गई

आचार्यश्री ऋषभ चंद्रसुरीश्वर एवं साध्वीश्री रत्नात्रयाश्री म. सा. के देवलोक गमन पर गुरु गुणानुवाद सभा समायिक के रूप में की गई

अलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) -  स्थानीय जैन समाज द्वारा परम पूज्य गच्छाधिपति ,मोहनखेडा महातीर्थ विकास प्रेरक अष्टम आचार्य देव श्री मद्विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. एवं उनकी की आज्ञा अनुवर्ती 

साध्वीश्री रत्नत्रया श्रीजी महाराज

साहेब के देवलोक गमन पर गुरु गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया | सर्वप्रथम आचार्य श्री के चित्र के सम्मुख वर्षीतप के तपस्वी वीरेंद्र जैन, संतोषीलाल जैन, जवाहरलाल जैन,एवं प्रफुल्ल जैन व मनीष जैन द्वारा धूप दीप प्रज्वलन कर श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत की|    

श्री संघ के प्रवक्ता  अनिष जैन ने संचालन करते हुए गुरुदेव एवं महाराज साहेब के स्वास्थ्य से लेकर देवलोक गमन तक स्वास्थ्य की जानकारी दी | उसके पश्चात अध्यक्षीय भाषण में श्री संघ अध्यक्ष मनीष जैन द्वारा गुरुदेव को मानव मसीहा, जीव-दया प्रेमी आदि के बारे में विस्तार से बताया| अनिल जैन बागवाला ने मोहनखेड़ा महातीर्थ में गुरुदेव श्री द्वारा की गई गए अभूतपूर्व विकास का चित्रण किया |जवाहरलाल जैन काकड़ीवाला ने आचार्यश्री के सरल हृदय एवं वास्तु एवं ज्योतिषी के ज्ञान को साझा किया| कुसुम बहन कोठारी ने आचार्यश्री द्वारा किए गए उपकार के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की| नन्हे बालक मास्टर गोयम जैन द्वारा तुम कहां चले गए गुरु-गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की | श्रीमती चेतना मारवाड़ी ने महाराज साहेब की प्रेरणा से परिवार में हुई तपस्या का वर्णन किया | सुरेंद्र काकडीवाला ने आचार्य श्री एवं साध्वी महाराज साहब के असमय चले जाने से दर्द प्रकट करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की| नीलेश जैन ने महाराज साहब  द्वारा चातुर्मास के अंतर्गत श्री संघ में हुई तपस्याओ पर प्रकाश डाला| अंत में आभार प्रकट विनय जैन द्वारा किया गया| कार्यक्रम को सोशल डिस्टेंस के माध्यम से किया गया व सामायिक करने वाले सभी महानुभावों को श्री संघ के द्वारा प्रभावना वितरित की गई|

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