लॉक डाउन में वरिष्ट अधिकारीयो की लूट खशोट सीसीटीवी कैमरे में हुई कैद | Lock down main varisht adhukariyo ki loot khashot cctv camere main hui ked
लॉक डाउन में वरिष्ट अधिकारीयो की लूट खशोट सीसीटीवी कैमरे में हुई कैद
जिला प्रसासन हुआ ओछी हरकत से शर्मसार
भिंड (मधुर कटारे) - शहर में इन दिनों लॉक डाउन चल रहा है ऐसे जिला प्रसासन की डियूटी लगाई गई है ।किसी भी प्रकार से बाजारों में चोरी एव लूटपाट की घटना पर अंकुश लगाया जाए क्यो की प्रदेश सरकार के द्वारा कोरोना गाइड लाइन का पालन करना हर ब्योपारी वर्ग के लिए पीड़ा जनक है ।ऐसे बाजारों में भीड़ से लेकर आम आदमी भी कम दिखाई दे रहे है एक दो दुकान दार अपनी जीवन की जीविका के लिए दुकान खोल लिया करते है उन दुकानदारो के लिए राजस्व विभाग की फ्लाइंग स्कॉर्ट बनाई गई है ।जिसमे प्रायवेट लड़के भी है और पटवारी आरआई तहसीलदार सामिल है ,परेड चौराहे से सदर बाजार किला रॉड हनुमान बजरिया का प्रभार प्रमोद गर्ग तहसीलदार को सौपा गया था ऐसे में प्रमोद गर्ग की काफी शिकायते आम जनता से मिल रही थी कि चालान 188 का नही काटते है बल्कि रसीद एक ,दो हजार की काट देते है और बसूली अन गिनत दामो की कर रहे है,ऐसे में मीडिया के पास सबूत न होना और अधिकारी के खिलाफ कोई भी फरियादी नही आना जिससे आज तक वरिष्ट अधिकारियों के साये में यह लूट खसोट का मामला काफी दिनों से चला आ रहा था इसी कारण से मीडिया के कर्मियों को देख कर वरिष्ट अधिकारी मीडिया से घृणा करने लगे थे और तो ओर राजस्व विभाग के वरिष्ट अधिकारी ने तो एक मीडिया कर्मी से यह तक कह दिया कि कार्यबाही में आप लोगो फोटू वीडियो बनवाने के लिए बुलाता कोन है घर जाओ कार्यबाही में बाधा उत्पन्न करती है मीडिया क्या इसी लूट खसोट के कारण मीडिया कर्मियों से दूरियां बनाई जा रही थी स्पस्ट दिखाई दे रही है शासकीय अधिकारियों की करतूत दुकानदार को डंडा दिखाकर भगा दिया और फिर उसका सटर स्वयं खोलकर प्रायवेट लड़के के द्वारा सामान निकलवाया इस मामले के स्वयं प्रत्यक्षदर्शिय भी आर आई है और तहसीलदार की बात की अवहेलना प्रायवेट ब्यक्ति की कहा लेकिन गरीब की दुकान में पानी की वोटल सिगरेट की डिब्बी निकालना चोरी नही तो क्या है यह सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है ।क्या जिला प्रसासन ऐसे भृष्ट अधिकारियों और कर्मचारियो के सहियोग से जिले में लॉक डाउन करने की अपेक्षा रखता है ब्योपारी कैसे मान ले कि उनकी दुकान अधिकारियों की निगरानी में शेफ है ।
जिला कलेक्टर को इस ओछी मानसिकता के शिकार हुए राजस्व अधिकारी की कार्य प्रणाली पर लज्जित होना पड़ा है और सारा प्रदेश शर्मशार है क्या ऐसे भी अधिकारी कर्मचारी हमारी अमानत में ख़यामत कर सकते है ।
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