भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा मनाई तथागत भगवान बुद्ध की जयंती
भगवान बुद्ध एवं डॉ. अंबेडकर जी के विचार आज भी प्रासंगिक एड लोखंडे
छिंदवाड़ा (शुभम सहारे) - संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अंबेडकर जी द्वारा पंजीकृत संगठन भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबोधि पाटिल के निर्देशानुसार लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए छिंदवाड़ा के स्थानीय डॉ आंबेडकर तिराहे पर तथागत भगवान बुद्ध की 2565 वी जयंती का आयोजन भारतीय बौद्ध महासभा प्रदेश सचिव रमेश लोखंडे के नेतृत्व एवं ओबीसी महासभा राष्ट्रीय सचिव एड देवेंद्र वर्मा की प्रमुख उपस्थिति में किया गया इस अवसर पर महासभा जिला सचिव एड राजेश सांगोड़े ,नगर अध्यक्ष संतोषी गजभिए , ममता लोखंडे एवं अन्य उपासक उपासिका उपस्थित हुए सर्वप्रथम तथागत भगवान बुद्ध के छायाचित्र पर उपस्थित सभी उपासक उपासिका द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई तत्पश्चात सामूहिक बुद्ध वंदना कराई गई इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा तथागत भगवान बुद्ध जयंती पर पूछे गए महत्वपूर्ण तथ्यों पर बोलते हुए प्रदेश सचिव एड लोखंडे द्वारा भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से सर्वप्रथम संपूर्ण देश के उपासक उपासिका एवं सैनिकों को विश्व शांति के अग्रदूत माहाकरुणिक तथागत भगवान बुद्ध जयंती वैशाख त्रिगुण पावन पूर्णिमा की मंगलकामनाएं प्रेषित करते हुए कहां की विश्व शांति समता बंधुत्व सत्य अहिंसा करुणा मैत्री प्रेम मानवता का संदेश विश्व में जन जन तक पहुंचाने वाले एवं वैज्ञानिक तदृष्टिकोण के माध्यम से मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाले तथागत भगवान बुद्ध का आज ही के दिन जन्म होना बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्ति होना तथा महापरिनिर्वाण की प्राप्ति होना संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण बताया जिसके कारण संपूर्ण विश्व में तथागत भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर विश्व शांति का उपासक उपसिकाये संकल्प लेते हैं ।
आज के समय पर संपूर्ण विश्व तीसरे विश्व युद्व की ओर बढ़ रहा है ऐसी विषम परिस्तिथियों में विश्व को तथागत भगवान बुद्ध के विचारों की आवश्यकता है बुद्ध के विचारों पर चलकर विश्व शांति का निर्माण होगा । तथागत भगवान बुद्ध के विचारों पर चलकर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी द्वारा भारत देश को लोकतांत्रिक संविधान प्रदान किया जिसके कारण भारत के वंचित पीड़ित एवं दबे कुचले नागरिकों को जीवन जीने के अधिकार प्राप्त हुए इसलिए विश्व कल्याण हेतू तथागत भगवान बुद्ध एवं लोकतांत्रिक कल्याण हेतू डॉ आंबेडकरजी के विचार आज भी प्रासंगिक है ।