14 मई को मनाई जायेगी भगवान परशुराम की जयंती | 14 may ko manai jaegi bhagwan parshuram ki jayanti

14 मई को मनाई जायेगी भगवान परशुराम की जयंती 

घरो में जयंती मनाकर घर में जलाये दिपक-पं. राजेश पाठक

14 मई को मनाई जायेगी भगवान परशुराम की जयंती

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 14 मई को अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम की जयंती भक्तिभाव और विधिविधान के साथ मनाई जायेगी। हालांकि इस वर्ष कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन और बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्व कर घरो में ही जयंती मनाये जाने का निर्णय लिया है। 

सर्व ब्राम्हण समाज के जिलाध्यक्ष पं. राजेश पाठक ने कहा कि प्रतिवर्ष सर्व ब्राम्हण समाज, अपने आराध्य देव भगवान परशुराम की जयंती अक्षय तृतीया पर सामाजिक बंधुओं के साथ उत्साहपूर्वक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर मनाई जाती थी, किन्तु इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरा विश्व प्रभावित है, देश, प्रदेश में इस बीमारी का प्रभाव देखा जा रहा है, जिसके कारण इस बीमारी से बचाव के लिए शासन, प्रशासन के निर्देश पर पूरी तरह से कोरोना कर्फ्यू घोषित किया  है। जिसमें किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन प्रतिबंधित है। जिसे देखते हुए सर्व ब्राम्हण समाज ने भी इस वर्ष भी भगवान परशुराम जयंती पर आयोजित सभी कार्यक्रम रद्ध कर दिये है और सामाजिक तौर से निर्णय लिया गया है कि सभी विप्रकुल बंधु अपने-अपने घरो में ही भगवान परशुराम की जयंती मनाते हुए विधिविधान से पूजा अर्चना करेंगे और संध्या में दिपक की रोशनी करेंगे।

सर्व ब्राम्हण समाज जिलाध्यक्ष पं. राजेश पाठक ने कहा कि भगवान परशुराम जयंती पर सभी ब्राम्हण परिवार के सदस्य भगवान वस्त्र धारण कर अपने-अपने घरो में संध्या 7 बजे भगवान परशुराम का विधि-विधान से पूजा अर्चना कर हवन करें, घर के सामने या छत पर शंख और घंटा बजाये, भगवान परशुराम का 11 बार घर के सामने जयघोष करें, घरो के सामने 11 दिपक जलाये और घरो की छत पर भगवा ध्वज फहराये।  

सर्व ब्राम्हण समाज जिला अध्यक्ष पं. राजेश पाठक ने कहा कि परशुराम त्रेता युग के ब्राह्मण है। जिन्हें विष्णु का छठा अवतार भी कहा जाता है, भगवान परशुराम, गुरुजनों और माता पिता की आज्ञा का पालन करते थे। वे सदा बड़ों का सम्मान करते थे और कभी भी उनकी अवहेलना नहीं करते थे। उनका भाव इस जीव सृष्टि को इसके प्राकृतिक सौंदर्य सहित जीवन्त बनाये रखना था। वे चाहते थे कि यह सारी सृष्टि पशु पक्षियों, वृक्षों, फल, फूल औए समूची प्रकृति के लिए जीवन्त रहे। हमंे आज उनके जीवन सिद्धांतो से प्रेरणा लेकर वर्तमान समय मंे कोविड-19 से निपटने शासन, प्रशासन के बताये गये निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने सभी विप्रकुल बंधुओं और जिलेवासियों को भगवान परशुराम जयंती की शुभकामनायें देते हुए सामाजिक और जिलेवासियों से अपील की कि वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये कोविड-19 से बचाव के उपायों का पालन करें और सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखे। 

सर्व ब्राम्हण समाज जिलाध्यक्ष पं. राजेश पाठक, सचिव आदित्य पंडित, मुकेश तिवारी, महासचिव सुरेन्द्र शुक्ला, प्रमोद तिवारी, संरक्षक कुंदन मिश्रा, रोहिनी पांडेय, उपेन्द्र तिवारी, नगर संयोजक अविनाश शुक्ला, सुशील पॉलीवाल, अजय मिश्रा, निरज तिवारी, विनोद शर्मा, अनुज तिवारी, बालकृष्ण द्विवेदी, रमेश दीक्षित, नगर अध्यक्ष जॉबी मिश्रा, सचिव निशांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष दिलीप मिश्रा, अमोल मिश्रा, अंकुश बाजपेयी, अनुराग झा, प्रकाश दुबे,महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती संध्या दीक्षित, सचिव श्रीमती आरती शर्मा, शशि पुरोहित, शांता तिवारी, मंजुलता तिवारी, साधना शुक्ला सहित सभी सामाजिक पदाधिकारियों ने जिले के सभी विप्रकुल बंधुओं से घरो में ही भगवान परशुराम की जयंती मनाये जाने की अपील की है। बालाघाट 

 जिला अध्यक्ष राजेश पाठक

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