उज्जैन लोकसभा सांसद लगातार हो रही मौत पर बिना सोचे समझे बोलने पर मजबूर बेतुका बयान | Ujjain locksabha sansad lagatar ho rhi mout pr bina soche samjhe bolne pr majbur betuka bayan

उज्जैन लोकसभा सांसद लगातार हो रही मौत पर बिना सोचे समझे बोलने पर मजबूर बेतुका बयान

उज्जैन में बुधवार का बुलेट 2 मौतें बतायी, वही 42 जलने के लिए पहुंचे श्मशान घाट पर

आखिर संदिग्ध मौत होती क्या

उज्जैन लोकसभा सांसद लगातार हो रही मौत पर बिना सोचे समझे बोलने पर मजबूर बेतुका बयान

उज्जैन (रोशन पंकज) - उज्जैन शहर में रोजाना लगभग अनुमानित 40 से 50 शव को श्मशान घाट पर जलाए जा रहे हैं।

लेकिन हेल्प बुलेटिन में मौतों का आंकड़ा 90% सही नहीं बताया जा रहा ऐसा उज्जैन की जनता और कई प्रतिष्ठित सम्मानीय आमजन प्रशासन पर आरोप लगा रही है।

42 शव को उज्जैन के श्मशान घाट में जलाया गया जिसमें से 2 मौतें कोरोनावायरस से  होना बताई गई बाकी।

*संदिग्ध बता कर श्मशान में जलाई गई उज्जैन की जनता एक साथ साथ कई बुद्धिजीवी प्रशासन से एक ही प्रश्न पूछना चाहता  आखिर संदिग्ध होता क्या।*

बुधवार को 30 शव चक्रतीर्थ पर जलाई गई वही 12 शव को त्रिवेणी शमशान पर जलाई गई।

4 दिनों में मात्र 5 मौतें बुलेटिन हेल्प के अनुसार बताई गई जबकि रविवार को 50 मौतें सोमवार को 34 मौतें मंगलवार को 39 मौतें और बुधवार को 42 मौतें का आंकड़ा दर्ज किया गया यह आंकड़ा श्मशान घाट में रिकॉर्ड रजिस्टर के माध्यम से बताया जा रहा है।

4 दिन का आंकड़ा 165 मौतें हो चुकी और प्रशासन का आंकड़ा 4 दिन में पांच मौतें बता रहा बाकी संदिग्ध बता कर शव को जलाया गया इसमें से बताया जाता है यदि कोरोनावायरस नेगेटिव रिपोर्ट आई किसी अन्य बीमारी से उसकी मौत हुई तो फिर उसका मृतक शरीर उनके परिवार वाले को क्यों नहीं दीया उनके परिवार वालों को अंतिम संस्कार से क्यों रखा दूर संदिग्ध बता कर जला दिया।

*शहर की जनता और ग्रामीण की जनता प्रशासन से पूछना चाहती हैं आखिर संदिग्ध होता क्या है।*

उज्जैन आलोट लोकसभा सांसद लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ते देखकर बोलने पर बैलेंस खो दिया क्या बोलते हैं।

क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में अनिल फिरोजिया द्वारा बिना सोचे समझे टिप्पणी करते हुए बेतुका बयान दिया।

अनिल फिरोजिया सांसद उज्जैन लोकसभा द्वारा बोला गया संदिग्ध और संक्रमित मरीजों की मौत के पीछे साइक्लोजिकल इफेक्ट नजर आ रहा है।

व्यक्ति घर में रहता है सर्दी खासी हुई तो दिमाग में आ जाता है उसे कोरोनावायरस ने घेर लिया है। हमने लोगों से कहा डरने की आवश्यकता नहीं बल्कि लड़ने की आवश्यकता है।

खास बात तो यह है उज्जैन लोकसभा सांसद अनिल फिरोजिया इस समय किसी भी मरीजों का हालचाल जानने हॉस्पिटल नहीं पहुंचे जोकि शायद दिया गया बयान उनकी स्वयं को पर भी लागू हो सकता है।

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