मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को निर्देश, प्रदेश के सभी पावर प्लांटों की आक्सीजन उपयोग मे लाई जाये | MP power generating company ko nirdesh

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को निर्देश, प्रदेश के सभी पावर प्लांटों की आक्सीजन उपयोग मे लाई जाये

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को निर्देश, प्रदेश के सभी पावर प्लांटों की आक्सीजन उपयोग मे लाई जाये

कोरोना काल मे राष्टीय स्तर पर आक्सीजन की कमी को देखते हुए  सरकार का मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को निर्देश प्रदेश के सभी पावर प्लांटों की आक्सीजन उपयोग मे लाई जाये 

संत सिंगाजी पावर परियोजना के हाईड्रोजन प्लांट  से रोजाना उड़ाई जा रही आक्सीजन को कलेक्ट करने के प्रयास शुरू करने का पहला प्रपोजल सरकार के पास सिंगाजी परियोजना से पहुचा जिस पर अब प्रदेश के सभी पावर प्लांट अमल करेंगे

सिंगाजी परियोजना के एक अधीक्षण अभियंता  की दिमाग की उपज से रोजाना करीब 162 क्युबिक लीटर  आक्सीजन का किया जा सकेगा भंडारण जिससे करीब 30 आक्सीजन सिलेंडर रोजाना भरे जा सकेंगे

बिजली उत्पादन के समय जनरेटर को ठंडा रखने के लिए परियोजना मे लगा है हाईड्रोजन प्लांट जहा से जल्द ही आक्सीजन भी कलेक्ट की जा सकेगी

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को निर्देश, प्रदेश के सभी पावर प्लांटों की आक्सीजन उपयोग मे लाई जाये

बीड (सतीश गम्बरे) - राष्टीय आपदा बन चुकी कोरोना महामारी के चलते आक्सीजन की  बेहद कमी होने पर सरकार से मिले  निर्देश  के बाद परियोजना मे बिजली निर्माण के समय परियोजना से बगेर उपयोग कीये  ही बाहर उड़ाई जा रही  आक्सीजन का भंडारण करने के कार्य के प्रयास शुरू हो गए है जिसका हरियाणा की ऐयरॉक्स  कंपनी को टेंडर भी जारी किया जा चुका  है जो हाईड्रोजन प्लांट मे जरूरी मशीनरी लगाकर आक्सीजन का भंडारण कर  सिलेंडरो  मे भर कर देने का काम करेगी इस पूरी प्रक्रिया मे करीब तीन से  चार माह का समय लगने का अनुमान बताया जा रहा है जबकि कंपनी का कहना है इस संकट के समय आक्सीजन की कमी को देखते हुए कार्य समय से पहले पूरा करने का प्रयास करेंगे ।

गौरतलब हेकी परियोजना मे बिजली निर्माण के समय जनरेटर को ठंडा रखने के लिए एक निश्चित स्थान पर हाईड्रोजन गेस का निर्माण किया जाता उसके साथ उसी समय आक्सीजन भी बनती जिसका उपयोग नही होने के कारण बाहर ही उड़ा दिया जाता है ।

लेकिन अब कोरोना काल मे आक्सीजन की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सके इसलिए यहा मशीनरी लगा कर अब आक्सीजन का भंडारण सिलेंडरों मे किया जा सकेगा जिसमे परियोजना के दोनो  हाईड्रोजन प्लांट से  रोजाना करीब 162 क्युबिक लीटर या करीब 30 सिलेंडरों मे आक्सीजन का भंडारण किया जा सकेगा अभी सिंगाजी परियोजना सहित सारणी पावर परियोजना मे भी इस योजना पर कार्य शुरू हो चुका है।

वर्जन

सरकार से मिले निर्देश के बाद हाईड्रोजन प्लांट से बाहर छोड़ी जाने वाली आक्सीजन को कलेक्ट कर सिलेंडर मे भरने पर काम किया जा रहा  है जरूरी मशीनरी लगते ही जल्द ही परियोजना से रोजाना 162 क्युबिक लीटर  आक्सीजन  सिलेंडर मे भरी जा सकेगी ।

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