पत्रकार पर हुआ हमले का प्रयास
शाजापुर (मनोज हांडे) - मध्यप्रदेश मगरिया चौराहा पर आज तक 24 के पत्रकार श्री मनोज हांडे को यह बोलना बहुत महंगा पड़ गया कि यह कैसा लॉक डाउन है। उनकी जान पर बन आई। जहां बड़ी संख्या में एक वर्ग विशेष के लोग भीड़ लगाए हुए थे सिर्फ एक पुलिस श्री जाधव कुर्सी पर बैठे थे। मैंने गाड़ी रोक कर इनसे कहा कि यह कैसा लॉकडाउन है। ऐसा कहने के उपरांत ही सैकड़ों की तादात में एक वर्ग विशेष के लोग मेरे पीछे दौड़े मेरे मोबाइल से वीडियो नहीं बनाने दिया गया। मोबाइल छीनने का प्रयास किया गया पुलिस जाधव के फटकार लगाने के बाद भी वह नहीं माने वर्ग विशेष की भीड़ हमला करने के लिए तैयार खड़ी एक वर्ग विशेष ने व्यक्ति ने ब मुश्किल मुझे वहां से निकल जाने दिया यह प्रशासन की लापरवाही मगरिया क्षेत्र में पहले से ही अति संवेदनशील क्षेत्र है वहां शासन के कोई लॉक डाउन का पालन नहीं होता एक पुलिस बल अकेला क्या कर सकता है मैंने कुछ ही दूरी पर जाकर एबी रोड स्थित थाना प्रभारी को मोबाइल फोन से इसकी सूचना दी शाजापुर शहर जहां पत्रकार भी अपनी बात खुलकर नहीं बोल सकते पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिकों का क्या होगा प्रशासन को कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे डालना चाहिए नहीं तो पत्रकारों का क्या होगा।