उज्जैन के कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि मास्टर प्लान की समीक्षा बैठक में नहीं बुलाया गया
मास्टर प्लान के नाम पर बहुत बड़ा हो रहा है घोटाला उसी के चलते मास्टर प्लान की समीक्षा बैठक में कई जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने पर निगम सभापति गहलोत ने ली आपत्ती, उज्जैन कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया
उज्जैन (रोशन पंकज) - पिछले सप्ताह सिंहस्थ भूमि और शहर के विकास संबंधित मास्टर प्लान को लेकर एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव और पूर्व मंत्री पारस जैन के अलावा कांग्रेश के भी कई जनप्रतिनिधि इस बैठक में पहुंचे।
लेकिन कई जनप्रतिनिधि को सूचना भी नहीं मिली जबकि नियम के अनुसार वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों को भी सूचना देकर इस समीक्षा बैठक में बुलाना था।
समीक्षा बैठक में पूर्व महापौर मीना विजय जोनवाल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह गांधी पूर्व नगर अध्यक्ष अनिल जैन कालूखेड़ा पूर्व निगम सभापति सोनू गहलोत पूर्व उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि की अनुपस्थिति इस समीक्षा बैठक में रही।
जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सोनू गहलोत द्वारा उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई।
पत्र
उज्जैन के विकास को लेकर मास्टर प्लान 2035 का प्रारंभिक प्रकाशन पिछले दिनों किया गया जिस पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता की तरफ से दावे एवं आपत्तियां लगाई गई है। समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि आपके द्वारा इस संबंध में एक बैठक बुलाई गई थी जिसकी सूचना मुझ सहित कई अन्य जिम्मेदारों को नही की गई। इस संबंध में मेरा आपसे आग्रह है कि यह मास्टर प्लान आगामी कई सालों के लिए बनाया जा रहा है। साथ ही आगामी सिंहस्थ के लिए भी उपयोगी साबित होने वाला है। अतः इस मामले को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। अलग-अलग चर्चाएं इस प्रकार की भी आ रही है कि इसमें कई लोगों के स्वार्थ हैं और इन लोगों ने नगर एवं ग्राम विकास विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संगठित अपराध करने का प्रयास किया गया है। हमारे प्रदेश के मुखिया मा.मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा भी है कि माफियाओं के मंसूबे नाकामयाब किये जायें।
अतः आपसे आग्रह है कि इस संबंध में एक और मीटिंग आयोजित की जाए और एक-एक दावे और आपत्तियों पर गंभीरता से विचार किया जाए। मैं सहित उज्जैन के कुछ अन्य जिम्मेदार बंगाल और आसाम चुनाव में हैं। 1 अप्रैल के बाद आना होगा। समाचार पत्र के माध्यम से ही पता चला है कि संसद में होने के कारण मा. सांसद जी भी नहीं आ पाए थे। इसलिए अप्रैल माह में इस विषय को लेकर पुनः बैठक बुलाई जाए।
सोनू गहलोत
पूर्व अध्यक्ष नगर निगम उज्जैन
और
आपत्तिकर्ता