सरकार की नीति का विरोध करना, आपत्ति जताना देशद्रोह नहीं - सुप्रीम कोर्ट | Sarkar ki niti ka virodh karna apatti jatana deshdroh nhi

सरकार की नीति का विरोध करना, आपत्ति जताना देशद्रोह नहीं - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा की किसी भी नीति पर आपत्ति जताना और विरोध करना देशद्रोह नहीं होता. कोर्ट ने वक्त बर्बाद करने के लिए रजत शर्मा पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.

सरकार की नीति का विरोध करना, आपत्ति जताना देशद्रोह नहीं - सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली - अनुच्छेद 370 पर टिप्पणी करने पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.  मिली जानकारी के अनुसार रजत शर्मा नाम के व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था की फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनको चीन और पाकिस्तान से मदद मिल रही है. इसलिए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया और अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए रजत शर्मा पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने कहा की किसी भी नीति पर आपत्ति जताना और विरोध करना देशद्रोह नहीं होता. याचिकाकर्ता ये साबित नही कर पाए की फारूक अब्दुल्ला को चीन और पाकिस्तान से कैसे मदद मिल रही।

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