पटवा समाज उत्थान समिति के तत्वाधान में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया | Patwa samaj utthan samiti ke tatvadhan main shrimad bhagwat katha ka ayojan kiya
पटवा समाज उत्थान समिति के तत्वाधान में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया
मनावर (पवन प्रजापत) - भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। भागवताचार्य पं महादेव जोशी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
मां चामुंडा वाटिका,मनावर में पटवा समाज उत्थान समिति के तत्वाधान में मुख्य यजमान शांतिलाल छोगालाल पटवा द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास पं महादेव जोशी ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग सुमधुर भजनों पर झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। इस अवसर पर पं. महादेव जोशी ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। ज्ञातव्य है कि मां चामुंडा वाटिका गुलाटी रोड ,मनावर में दिनांक 13 मार्च से 19 मार्च तक संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा पं महादेव जोशी व 19-20 मार्च को महामंडलेश्वर दादुजी महाराज के मुखारविंद से शनि कथा का आयोजन रखा गया है।
Comments
Post a Comment