खण्डवा सासंद देश प्रदेश का चमकदार सितारा, निमाड़ की नैया नंदू भैया का हुआ निधन
खण्डवा-बुरहानपुर जिले के लिए दुःखद खबर
बुरहानपुर (अमर दिवाने) - हम सबके लाडले सांसद नंदकुमारसिंह चौहान (नंदू भैया) का दिल्ली के मेदांता अस्पताल में हुआ निधन। उनके पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान ने की पुष्टि। पिछले लगभग 1 महीने से दिल्ली में थे भर्ती 11 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भोपाल के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था । ज्यादा सीरियस होने की वजह से उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। उनका अंतिम संस्कार उनके ग्राम शाहपुर जिला बुरहानपुर में होगा। मध्यप्रदेश व देश की राजनीति का बेहतरीन चमकदार सितारा अस्त हो गया।
निमाड़ ने नन्दू भैय्या के रूप में एक शानदार राजनेता, प्रखर वक्ता, संवेदनशील व बेहतरीन इंसान और सकारात्मक सोच रखनेवाले एक महान नेता को खो दिया।
नन्दू भैय्या के असामयिक निधन ने पूरे प्रदेश व निमाड़ के जनमानस को शोक में धकेल दिया। राजनीति में भी क्या पक्ष क्या विपक्ष सभी ने नन्दू भैय्या के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। वह एक राजनेता से इतर एक अच्छे इंसान थे जो हमेशा हर किसी की सहायता करने के लिए खड़े रहते थे।
अपने लंबे राजनैतिक जीवन मे वह अनेक पदों पर रहे- सन् 1978-80 व 1983-87 तक शाहपुर से नगर पालिका के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा से विजय होकर नगरअध्यक्ष' रहे थे। इसके बाद सन् 1985-96 तक लगातार 2 बार भाजपा से विजयी होकर मध्यप्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे।
सन् 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव मे भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था जिसमे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा क्यो की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अपना त्यागपत्र देकर सरकार निरस्त कर दी थी। जिसके बाद सन् 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव मे वह दुसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे। यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था। सन् 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया जिसमें भी वें 3री बार विजयी हुए, जिसनमें इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5 वर्ष पूर्ण चला। इसके बाद सन् 2004 मे 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे क्योकिं केन्द्र मे मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी। फिर सन् 2009 के 15वी लोकसभा चुनाव मे उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वें कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए थे परंतु उन्हें पार्टी ने मध्यप्रदेश राज्य का भाजपा पार्टी का प्रदेशअध्यक्ष बनाया।
16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जिसमें वे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए चुनाव मे विजयी हुए। व उन्हें पुन: मध्यप्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था व सन् 2018 मे उन्होने अपना त्यागपत्र भाजपा प्रदेशअध्यक्ष पद से दे दिया। ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र मे विकासकार्य कर सकें।
विगत कुछ माह पूर्व कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद उन्हें भोपाल में चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गयी थी।और तबियत में सुधार भी हो रहा था किंतु सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों की सलाह पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती करने की सलाह के साथ भेजा, किंतु फिर भी उनके स्वास्थ्य में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया और आज तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके सहयोगी, साथी, रिश्तेदार सभी ग़मगीन हैं जैसे सबकुछ स्थिर हो गया हो, दुःखो का पहाड़ जैसे टूट पड़ा हो।
महीनों से उनके सहयोगी, साथी, रिश्तेदार, उनके चाहने वाले उनके लिए मंदिरों में पूजा पाठ भी कर रहे थे। किंतु होनी कुछ और ही चाहती थी। नंदू भैया तुम अमर रहोंगे निमाड़ वासियों के दिलो में। नमन है आप जैसे उदार वादी नेता को।