बच्चा चोर व्यापारियों के लिए बन बैठा था मुसीबत, मेडिकल रिपोर्ट जांच में पाया गया मानसिक रोगी | Bachcha chor vyapariyo ke liye ban betha tha musibat

बच्चा चोर व्यापारियों के लिए बन बैठा था मुसीबत, मेडिकल रिपोर्ट जांच में पाया गया मानसिक रोगी

इलाज के लिए बाणगंगा मानसिक सुधार ग्रह भेजा गया

बच्चा चोर व्यापारियों के लिए बन बैठा था मुसीबत, मेडिकल रिपोर्ट जांच में पाया गया मानसिक रोगी

धामनोद (मुकेश सोडानी) - विगत कई दिवस से नगर में एक बच्चा चोर व्यापारियों के लिए मुसीबत बन बैठा था वह 15 वर्षीय चोर आए दिन लोगों के प्रतिष्ठानों में जाकर रुपए निकाल लेता था कई बार वारदात करने के बाद भी पुलिस कम उम्र होने का कारण कार्रवाई नहीं कर पा रही थी लगातार बढ़ रही घटनाओं को लेकर पुलिस भी परेशान थी आखिरकार थाना प्रभारी राजकुमार यादव ने  15 वर्षीय बच्चे का मेडिकल चेकअप करवाया इस दौरान उसमें मानसिक रोगी होने के कई लक्षण सामने आए साथ-साथ वह बच्चा चोर मिर्गी की बीमारी से भी ग्रसित निकला  जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे सीजीएम धार कोर्ट में पेश किया गया वहां से विक्षिप्त बच्चे को इलाज के लिए बाणगंगा मानसिक सुधार ग्रह भेज दिया गया।

पुलिस पर लग गए थे आरोप कार्रवाई नहीं करती

थाना प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया कि पुलिस हर हाल में क्षेत्र एवं क्षेत्रवासियों को अनहोनी घटनाओं से राहत मिले इसके लिए प्रयास करती है बच्चे चोर की कई बार शिकायत आई थी लेकिन प्रथम दृष्टि में ही लग रहा था कि यह मानसिक रोगी है क्योंकि वह व्यापारियों की मौजूदगी में ही प्रतिष्ठानों में घुस जाता था गत दिवस भी वही बच्चा चोर ग्राम सुंद्रेल में फिर दोबारा चोरी करते पाया गया बाद गांव वालों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी  थीं नालछा में भी उसी बच्चे ने कुछ दिन पूर्व चोरी करने का प्रयास किया धामनोद में भी प्रतिष्ठान में व्यापारियों के सामने ही वह गुल्लक में हाथ डालकर चोरी करने का प्रयास करता था इसी पर पाया कि इस तरह की हरकत मानसिक रोगी ही कर सकते हैं बाद मेडिकल जांच में भी बच्चे का मानसिक संतुलन सही नहीं है यह पाया गया अब उसे इलाज के लिए इंदौर भेज दिया गया एसडीओपी मोनिका सिंह ने बताया कि लायन ऑर्डर पालन करने एंव कराने के लिए पुलिस हर संभव प्रयत्न करती है  नाबालिक चोर पुलिस के लिए भी मुसीबत था लेकिन मानसिक संतुलन सही नहीं होने पर उसे आखिरकार इंदौर मानसिक सुधार ग्रह ही भेजना पड़ा।

बच्चे की पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं घर का सामान बेचकर करवाते थे इलाज

पुलिस ने बताया कि बच्चे के पिता गोवर्धन भी मानसिक रूप से विकृत बच्चे को लेकर परेशान थे कई बार इलाज के लिए उन्होंने घर का सामान तक बेच दिया था लेकिन बच्चे की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था वह मिर्गी की बीमारी से भी ग्रसित था जब वह चोरी करते पकड़ा जाता था तो मिर्गी के लक्षण उसमें आ जाते थे तब आमजन यह समझते थे कि वह नाटक कर रहा है लेकिन वास्तविकता में वह बच्चा मानसिक रूप से विकृत था अब उस बच्चे का इंदौर में इलाज चल रहा है उपरोक्त बच्चे को मानसिक रोगी ग्रह भेजने के बाद अब व्यापारियों में भी राहत है।

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