मिलावटी घी बेचने वाले आरोपी को न्यायालय द्वारा 6 माह का कारावास एवं 2000 रुपये से दंडित कर जेल भेजा | Milawati ghee bechne wale aropi ko nyayalay dvara 6 mah ka karawas evam 2000 rupye

मिलावटी घी बेचने वाले आरोपी को न्यायालय द्वारा 6 माह का कारावास एवं 2000 रुपये से दंडित कर जेल भेजा

मिलावटी घी बेचने वाले आरोपी को न्यायालय द्वारा 6 माह का कारावास एवं 2000 रुपये से दंडित कर जेल भेजा

बुरहानपुर (अमर दिवाने) - सत्र न्यायाधीश बुरहानपुर आर. के. पाटीदार ने आरोपी रविन्द्र पिता सुभाष की अपील को निरस्‍त करते हुए आरोपी को 6 माह के कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक सुनील कुरील ने बताया कि, खाद्य निरीक्षक मनोज कुमार दिनांक 25.02.2010 को दोपहर 3 बजे ग्राम लोनी बुरहानपुर स्थित शुभम किराना स्टोंर पर निरीक्षण हेतु पहुंचे। खाद्य निरीक्षक को दुकान में रखे किराना सामान में सनफ्लावर ब्राण्ड‍, वनस्पति घी एवं सनफ्लावर प्रीमियम नमक में मिलावाट होने की शंका होने से उन्होने पंचान साक्षी के समक्ष उक्त ब्राण्ड के पैकेटो को जप्त कर नमुनो को विधिवत सीलबंद कर परीक्षण के लिए भोपाल भेजा। लोक विश्लेषक भोपाल से प्राप्त रिपोर्ट में जप्तशुदा नमूना, सनफ्लावर ब्राण्ड वनस्पति घी अपमिश्रित पाया गया। तत्पश्चा्त अभियुक्त के विरूद्ध धारा खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 की धारा 7(आई) सहपठित धारा 16(1)(ए)(आई) के अंतर्गत अभियोजन चलाने की स्वीकृति प्राप्त कर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। विचारण के समय न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से प्रभावशाली ढंग से तर्क प्रस्तुत किये गये थे। जिसके पश्चात विचारण न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निलेश जीरेती ने आरोपी को दोषी पाते हुए 6 माह के कारावास और 2000 रुपये के अर्थदंड से किया था। आरोपी ने अपर सत्र न्यायाधीश आर.के.पाटीदार के न्यायालय में दोषसिदिध निर्णय को निरस्त कराए जाने के लिये अपील प्रस्तुत की थी। न्यायालय के समक्ष अपील में प्रभावशाली अभियोजन संचालन अतिरिक्त लोक अभियोजक सुनील कुरील द्वारा एवं शासन की ओर से बहस करते हुए दोषसिदिध निर्णय को यथावत रखने हेतु तर्क प्रस्तुत किये उन्ही तर्को के आधार पर द्वितीय अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के पाटीदार द्वारा आरोपी की अपील निरस्त करते हुए आरोपी रविन्द्र को पूर्व में दिए गए निर्णय में 6 माह के कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदंड की पुष्टि करते हुए गिरफतार करवाकर जेल भेजा।

Post a Comment

Previous Post Next Post